कमलनाथ सरकार ने पाठ्यक्रम से हटाया ‘कारगिल युद्ध’ का अध्याय

Go to the profile of  Prabhat Sharma
Prabhat Sharma
1 min read
कमलनाथ सरकार ने पाठ्यक्रम से हटाया ‘कारगिल युद्ध’ का अध्याय

बीते दिनों हुए विधानसभा चुनाव में कई राज्यों में सत्ता में परिवर्तन हुआ है। मध्यप्रदेश और राजस्थान में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है तब से यहां की कांग्रेस सरकार अपने राज्यों में परिवर्तन करने में लगी हुई है। इन सरकारों ने अपने राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर सभी विभागों में परिवर्तन कर दिए है। इतने परिवर्तन करने के बाद कमलनाथ सरकार का पेट नहीं भरा तो उन्होंने पाठ्यक्रमों में भी परिवर्तन करना शुरू कर दिया है।

मामला भोपाल के पुराने एमवीएम साइंस कॉलेज का है। इस कॉलेज में सैन्य विभाग है। कमलनाथ सरकार ने इस विभाग के पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए करगिल वॉर का अध्याय हटा दिया है। इस अध्याय को 2019-20 के सत्र में हटाया है। इससे पहले 2017-18 के सेशन में यह पाठ्यक्रम में शामिल था। इसे हटाने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने 15 से 20 सदस्य की एक टीम तैयार की थी और इसी टीम ने कोर्स का रिव्यु करके कोर्स में बदलाव किया है।

टीम के कोर्स में बदलाव करने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने ऐसा तर्क दिया है जो किसी के गले नहीं उत्तर रहा है। कॉलेज प्रबंधन ने इस पर बताया कि "करगिल युद्ध की किताबें न मिलने के कारण इसे कोर्स से हटाया गया है। करगिल वॉर पर अच्छे लेखकों की किताबें नहीं हैं।" इन सब की कमी को दूर करने के लिए प्रॉक्सी वॉर के माध्यम से छात्र-छात्राओं को सभी युद्धों की जानकारी दी जा रही है।

कांग्रेस सरकार द्वारा भारतीय सेना के इस अदम्य साहस और विजय गाथा के कोर्स को हटाने के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में हलचल बढ़ गई है और विपक्ष में बैठी भाजपा ने इस पूरे मुद्दे पर प्रतिक्रिया भी दी है। भाजपा ने अपने बयान में कहा कि "कांग्रेस सरकार के इशारे पर यह किया गया है, क्योंकि प्रदेश सरकार अटल बिहारी वायपेयी के शासनकाल में हुए इस युद्ध की परम वीर गाथा नई पीढ़ी को नहीं बताना चाहती है।"

GO TOP