श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए सिलसिलेवार धमाकों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 500 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस खतरनाक आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक इस्टेट (आईएस) ने ली थी। इस हमले के बाद श्रीलंका सरकार ने कई अहम फैसले किए थे जैसे यहाँ की सरकार ने बुर्के पहनने पर रोक लगा दी है। हाल ही में सरकार ने मस्जिदों को लेकर एक और कड़ा फैसला लिया है।

श्रीलंका सरकार ने एलान करते हुए कहा की अब देश में मौजूद सभी मस्जिदों में होने वाली धार्मिक संबोधनों की रिकॉर्डिंग की एक कॉपी सरकार के पास जमा करवानी होगी। धमाकों के बाद जब पुलिस ने जाँच पड़ताल की थी उस समय पुलिस ने मस्जिदों से तलवार और अन्य हथियार बरामद किए हैं। इसी को लेकर सरकार ने यह कड़ा फैसला लिया है। यह फैसला लेकर सरकार श्रीलंका में में फैले इस्लामिक कट्टरपंथ को पूरी तरह से खत्म करना चाहती है।

श्रीलंका की सरकार ने शुक्रवार को देश के सभी मस्जिदों के न्यासियों से कहा की वह घृणा या चरमपंथ का प्रचार करने वाली किसी भी बैठक में न तो शामिल हों और न ही ऐसा करने की मंजूरी दें। इसके बाद बयान में आगे कहा गया कि अगर सरकारी आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो कानून के तहत उस पर कार्रवाई की जाएगी।

श्रीलंका सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल महेश सेनानायके ने कहा -श्रीलंका का माहौल अब शांत है और किसी को डरने की जरूरत नहीं है। पुलिस आपकी सुरक्षा के तैनात है अब आप अपना सामान्य जीवन शुरू कर सकते हैं।