ईस्टर के मौके पर श्रीलंका के चर्चों और होटलों में हुए सीरियल बम धमाकों में अब तक 321 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। इन धमाकों की ज़िम्मेदारी इस्लामिक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है। खबरों के अनुसार इन धमाकों के होने से पहले ही भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों ने श्रीलंका सरकार को आगाह कर दिया था पर श्रीलंका सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने यह कहा है कि भारत ने श्रीलंका के साथ धमाकों के होने से जुड़ी कुछ खुफिया जानकारी साझा की थी, लेकिन इस पर त्वरित कार्रवाई करने को लेकर हमसे लापरवाही हो गई जिसका ख़ामियाज़ा हमें भुगतना पड़ा।

श्रीलंका के पीएम विक्रमसिंघे ने यह खुलासा मंगलवार को कोलंबो में एक भारतीय मीडिया ग्रुप को दिए एक एक्सक्लूसिव साक्षात्कार में कही। इस दौरान विक्रमसिंघे ने कहा, 'भारत ने खुफ़िया जानकारी दी थी, लेकिन हम इस पर कैसे कार्रवाई करें, इसको लेकर लापरवाही हुई. खुफिया जानकारी नीचे तक नहीं पहुंची।'

खबरों के अनुसार एक श्रीलंकाई रक्षा सूत्र तथा एक भारत सरकार के सूत्र ने कहा कि भारतीय खुफिया अधिकारियों ने पहले विस्फोट से करीब 2 घंटे पहले अपने श्रीलंकाई समकक्षों से संपर्क किया था और हमले को लेकर आगाह किया था। उन्होंने यह साफ़ साफ़ बताया था कि हमलावर विशेष तौर पर देश के चर्च को निशाना बना सकते हैं।

हमले  जुड़े कुछ विशेष तथ्यों पर बात  विक्रमसिंघे ने कहा, 'इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के समूह में श्रीलंका के नागरिक ही शामिल हैं, लेकिन उन्हें विदेशी कनेक्शनों की मदद मिली थी। इसलिए हमने कुछ विदेशी एजेंसियों से मदद मांगी है, ताकि हम विदेशी लिंक के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। हमारा भारत के साथ खुफिया जानकारी साझा करने का अच्छा सिस्टम है। यह हमारी मदद करता है, जिसकी हमें जरूरत है। हमें अमेरिका और यूके से भी मदद मिली है। हमारी प्राथमिकता आतंकवादियों को पकड़ना है। जब तक हम ऐसा नहीं करते, कोई भी सुरक्षित नहीं है।'