सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अधिसूचना जारी कर जम्मू-कश्मीर पर लगे अनुच्छेद 370 को खत्म किया है। इस फैसले के बाद से पाकिस्तान ने अब नकारात्मक बयानबाज़ी शुरू कर दी है। इस पर संयुक्त राष्ट्र संगठन ने हस्तक्षेप करने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। सोमवार को यूएन महासचिव की ओर से बयान जारी किया गया और इसमें कहा गया कि कश्मीर में लगे प्रतिबंधों की जानकारी प्राप्त की गई है और लगातार तनावपूर्ण स्थिति पर हमारी नजर बनी है। इसके लिए समस्त पक्षों से संयम रखने की अपील की है। बता दें कि इस दौरान कश्मीर में पूर्व मुख्य मंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को हिरासत में ले लिया गया है।
सोमवार को यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीवन दुजैरिकमीडिया के प्रश्नों के जवाब दे रहे थे। जब मीडिया ने स्टीवन से भारत-पाक के मध्य कश्मीर विवाद को सुलझाने के विषय में राय मांगी तो उन्होने कहा कि महासचिव का पक्ष इस मामले में साफ रहा है। यदि भारत और पाकिस्तान कहेंगे तो उनका दफ्तर सहायता के लिए सदैव उपस्थित रहेगा।
हालाँकि इस मसले पर अमेरिका ने कहा है कि भारत के संविधान से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद वह भी जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर लगातार नजर बनाये हुए है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्तागुस ने कहा कि पाकिस्तान और भारत शांति बनाये रखें। उन्होंने कहा कि भारत ने हमें बताया है कि यह उसका आंतरिक मुद्दा है। दोनों पक्षों से हम नियंत्रण रेखा पर स्थिरता और शांति बनाये रखने की अपील करते हैं।
भारत द्वारा लिए गए इस फैसले से पाकिस्तान की नींद उड़ गयी है और इस पर पाकिस्तान सरकार ने धमकी देते हुए कहा कि वह हरसंभव इसके खिलाफ कार्रवाई का विकल्प खंगालेंगे। मंगलवार काे अनुच्छेद-370 में बदलाव के बाद चर्चा के लिए पाकिस्तानी राष्ट्रपति डाॅ. आरिफ अल्वी ने संसद का संयुक्त सत्र बुलाया है।