आतंकवाद को लेकर इमरान खान की तरफ से एक बार फिर से बड़ा कबूलनामा सामने आया है। एक इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान में उन्होंने आतंकियों को ट्रेनिंग देने की बात स्वीकार की है। इमरान खान ने स्वीकार किया कि 'पाकिस्तान में 50 आतंकी ग्रुप मौजूद थे।' उन्होंने आगे कहा कि 9/11 आतंकी हमले के पश्चात् अमेरिका से दोस्ती करने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ आतंकियों ने मोर्चा खोल दिया।
उन्होंने बताया कि 1980 के दशक में पाकिस्तान ने तत्कालीन सोवियत संघ (रूस) की सेना के खिलाफ अफगानिस्तान में मोर्चे के लिए मुजाहिदीनों की ट्रेनिंग दी थी। जेहाद के लिए उनको तैयार किया गया परन्तु वे मुजाहिदीन 9/11 आतंकी हमले के बाद अमेरिका के साथ पाकिस्तान के भी दुश्मन हो गए। ये बात पिछले 15 दिनों के अंदर इमरान खान ने दूसरी बार कबूल की है। ये बात उन्होंने हाल में रूसी मीडिया को दिए इंटरव्यू में कही थी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस सप्ताह ही स्वीकार किया था कि उनके देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई और सेना ने अफगानिस्तान में लड़ने के लिए अलकायदा और अन्य आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षण दिया था जिस कारण सदैव उनसे संबंध बने रहते हैं।
सोमवार (23 सितंबर) को विदेश संबंध परिषद (सीएफआर) में एक समारोह में इमरान से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान की तरफ से कोई जांच कराई गई थी कि किस तरह ओसामा बिन लादेन एबटाबाद में रह रहा था? इसपर उन्होंने कहा, 'पाकिस्तानी सेना, आईएसआई ने अलक़ायदा और इन सब समूहों को अफग़ानिस्तान में लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया, उनके संबंध हमेशा से थे, यह संबंध होने ही थे क्योंकि उन्होंने उन्हें प्रशिक्षित किया।'
उन्होंने आगे कहा कि, 'जब हमने इन समूहों से मुंह मोड़ा तो हमसे सब सहमत नहीं हुए। सेना के अंदर भी लोग हमसे सहमत नहीं हुए, इसलिए पाकिस्तान के अंदर हमले हुए।'