कल सावन माह का अंतिम सोमवार और बक़रीद दोनों थी ऐसे में देश की पुलिस है अलर्ट पर थी ताकि देश में सांप्रदायिक हिंसा न हो इसके लिए हर संभव प्रयास करे परन्तु यूपी के बदायू, राजस्थान के जयपुर एवं बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस की कार्यवाही में शायद कुछ कमी रह गई होगी जिसके कारण इन हिस्सों छोटी मोटी सांप्रदायिक हिंसा हुई । वहीं दूसरी तरफ अमेठी की पुलिस ने अपनी सतर्कता बरतते हुए क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा न हो इसके लिए किसी दबाव में न आते हुए आरोपी पर कार्यवाही की जिसके कारण बड़ी दुर्घटना होने से बच गयी।

उत्तरप्रदेश में किसी भी प्रकार की कोई सांप्रदायिक हिंसा न हो इसके लिए प्रदेश की पुलिस ने हर छोटी से छोटी और बारीक़ से बारीक़ घटना पर भी नजर रखी थी। इन घटनाओं से बचने के लिए कितनी भी कोशिश की जाये कोई न कोई असामाजिक तत्व इस तरह की घटना को अंजाम देता हैं या फिर उसे अंजाम देने की कोशिश करता है। ऐसा ही कुछ हुआ अमेठी में।

अमेठी में रहने वाला शान मोहम्मद जिसका प्रमुख पेशा है पशुओं को काटकर उनका मांस बेचना है ने अमेठी में सांप्रदायिक हिंसा फ़ैलाने के लिए उस मार्ग पर मांस काटकर बेचना शुरू किया जहाँ से कावड़ यात्री अपनी कावड़ लेकर निकलते थे। कावड़ यात्रियों के लिए निकलने वाला मार्ग इतना सकरा था कि मार्ग से निकलने वाले कावड़ियों को पशुओं का मांस हड्डिया और खाल छू रही थी।

इस घटना को भांपते हुए चौकी इंचार्ज धीरेन्द्र वर्मा ने पहले उसे यहाँ पर मांस नहीं बचने की सलाह दी परन्तु शान मोहम्मद नहीं माना और अपने ऊंची पहुँच और बड़ा रुतबा होने की धौंस देने लगा। इन सबसे न घबराते हुए चौकी इंचार्ज धीरेन्द्र वर्मा ने उसे पर्दा लगा कर मांस बेचने की हिदायत दी जिसे शान मोहम्मद को मानना पड़ा।

घटना के कुछ देर बाद शान मोहम्मद ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला जिसमे उसने चौकी इंचार्ज धीरेन्द्र वर्मा पर आरोप लगाया कि उसे चौकी इंचार्ज धीरेन्द्र वर्मा मारी पीटा और भद्दी भद्दी गालिया भी दी थी। शान मोहम्मद द्वारा जारी किये वीडियो में शान मोहम्मद पर किसी भी प्रकार की चोट नहीं आयी थी जिसके कारण यह सिद्ध हुआ कि शान मोहम्मद उन्हें इस तरह के झूठे केस में फ़साना और क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा फैलाना चाहता था।