आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ले रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान अभी से ही घबराया हुआ है। बता दें की जब वर्ष 2014 में पीएम मोदी ने पहली बार सत्ता संभाली थी तब उन्हें पाकिस्तान ने कट्टर सोच वाला एक निरंकुश शासक कहा था और अब जब पीएम मोदी फिर से देश की बागडोर को संभालने वाले है तो अब पाकिस्तान में उथल पुथल मच गयी है।
बता दें कि आज पाकिस्तान के नामी अखबार डॉन में लेख छपा है जो की इस उथल-पुथल की ओर संकेत कर रहे है। इस लेख को इब्न अब्दुर रहमान द्वारा लिखा गया है। पाकिस्तान की एक जानी-मानी शख्सियत में से एक है रहमान। साथ ही रहमान मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने अपने लेख में लिखा है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के उपरांत भारत ने अपनी सेक्युलरिज्म की छवि को दफन कर दिया है।
उन्होंने अपने लेख में आगे लिखा है कि इस चुनाव में बीजेपी ने जिस रणनीति से कार्य किया था वह पूरे देश को हिंदू राष्ट्र में परिवर्तित करने की नीति थी। जिसमे वह सफल हुए।
उन्होंने लिखा कि इस चुनाव में मतदाताओं ने प्रचंड जीत दिलाकर मोदी को अल्पसंख्यकों के लिए निरंकुश बनने का लाइसेंस प्रदान कर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने लिखा कि यह जीत इस बात की ओर संकेत करती है कि कश्मीर में मसले का निपटारा सिर्फ और सिर्फ सेना की वादी में सख्ती के साथ ही हो सकता है।
उन्होंने आगे लिखा है कि इस पुरे लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने दो एजेंडों को पूरा करने का ही काम किया। जिसमे पहला था देश की अर्थव्यवस्था बेहतर करना और दूसरा था हिंदुत्व। इसके लिए मोदी ने खुद को योगी बताया जिससे यह साबित हो गया है कि वह हिंदुत्व और हिंदुओं के लिए समर्पित हैं। चुनाव को जीतने के लिए उन्होंने बालाकोट एयर स्ट्राइक का ही सहारा लिया।