समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आज़म खान पर गाज गिरने वाली है। वे अक्सर अपने विवादित बयानों के चलते सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। लेकिन इस बार उन्हें कुछ गंभीर मामलों में पुलिस ने घेरा है। उनके ऊपर किसानों की ज़मीनों पर जबरन कब्ज़ा करने का आरोप लगाया गया है। जिसे लेकर योगी सरकार की पुलिस उन्हें जल्द ही हिरासत में ले सकती है।
आज़म खान पर आरोप है कि उन्होंने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर मौलाना अली जौहर विश्वविद्यालय के नाम पर कई सौ करोड़ की ज़मीन पर गैर-कानूनी कब्ज़ा किया है। बताया जा रहा है कि इस कांड में उनका सहयोग पूर्व सीओ हसन खान ने भी किया था।
इस बारे में रामपुर के अजीमनगर थाने में उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज हो चुका है। न्यूज़ एजेंसी IANS की खबर के मुताबिक आज़म खान पर किसानों से गैर-कानूनी तरीके से जमीन हथियाने के दर्जनों आरोप लगे हैं। उन पर किसानों को गैर-कानूनी रूप से हिरासत में डालकर प्रताड़ित करवाने के आरोप भी हैं। IANS की खबर के मुताबिक 26 किसानों ने आज़म खान पर गैर-कानूनी तरीके से उन्हें हिरासत में लेकर हजारों हेक्टेयर जमीन के फर्जी कागजात पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया था।
रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा के अनुसार जब किसानों ने फ़र्जी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया तो उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी जमीन को जबरदस्ती हड़प लिया गया।
इस मामले में आज़म खान का सहयोग करने के लिए तत्कालीन क्षेत्राधिकारी हसन ने अपने सरकारी हैसियत का दुरुपयोग किया था। राजस्व विभाग के द्वारा सभी ज़रूरी दस्तावेज़ों की जांच की गई और किसानों के बयान दर्ज किये गए हैं। ये किसान मुख्य रूप से अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। जांच के बाद आज़म खान के दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है।
आज़म खान कई बार विवादित बयान देकर लोगों की आलोचनाओं का शिकार हुए हैं। लेकिन अब आपराधिक मामला दर्ज होने पर उन पर संकट के काले बादल मंडराने लगे हैं।