छठ पूजा के आध्यात्मिक महत्व के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी बहुत ख़ास हैं

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Prabhat Sharma
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छठ पूजा के आध्यात्मिक महत्व के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी बहुत ख़ास हैं

भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है इस देश में सभी धर्म के लोग रहते है अभी कुछ दिनों पहले दीपाली का त्यौहार गया है जिसे भारतवासियों ने बड़ी धूमधाम से मनाया था। अब दीपावली के बाद एक त्यौहार आता है जिसे हम छठ पर्व के नाम से जानते है। माना जाता है कि इस त्यौहार में भगवान सूर्य की उपासना करने से अच्छी सेहत और धन धान्य में वृद्धि होती है। इस चार दिवसीय व्रत में भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। इस आस्था भरे पर्व में कई वैज्ञानिक पहलू भी शामिल है। आइये इन्हे जानते है।

छठ पर्व पर भगवान सूर्य की आराधना करने से शरीर और मन को सौर ऊर्जा के अवशोषण के लिए तैयार करता है। इसी तरह की तैयारी से ही प्राचीन समय में ऋषि मुनि कठोर तपस्या करने के लिए ऊर्जा प्राप्त करते थे।

विज्ञान के अनुसार इस तिथि का भी एक विशेष पहलू है। इस समय सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी किरणें पृथ्वी की सतह पर अधिक मात्रा में इकट्ठा हो जाती है और यह पूजा करने व सूर्य को अर्ध्य देने से इस पराबैगनी किरणों के कुप्रभावों से बचा जा सकता है।

सुबह और शाम को सूर्य को अर्ध्य देने से हम सूर्य की रोशनी के संपर्क में आते है। इस समय सूर्य की रौशनी बड़ी फलदायी होती है। इससे किसी भी प्रकार का चर्मरोग नहीं होता है और मनुष्य रोग मुक्त रहता है। इस माह में सूर्य पृथ्वी से दूर हो जाता है और सूर्य की गर्मी पृथ्वी पर कम मात्रा में पहुंच पाती है। इसलिए इस माह में सूर्य की उपासना करने से सर्दी के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। इस पर्व में व्रत रखने से हमारा पाचन तंत्र मजबूत होता है। पूजा में उपयोग में लाया जाने वाला प्रसाद भी बहुत ही गुणकारी होता है। प्रसाद में बनने वाला गुड़ और आटे का ठेकुए को खाने से हमारे शरीर की सेहत को अच्छा रखता है।

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