बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अर्थात एनएसए अजीत डोभाल मिशन कश्मीर के सीक्रेट दौरे पर थे और वह शुक्रवार शाम को दिल्ली वापस लौटे हैं। इसके बाद से कश्मीर के अलगाववादी नेता डरे हुए हैं। इन नेताओं को ऐसा लग रहा है कि उनकी राजनीति ख़त्म हो जाएगी यदि केन्द्र सरकार ने कश्मीर के लिए बड़े फैसले लिए तो। खबरों के मुताबिक 15 अगस्त को केन्द्र जम्मू कश्मीर के लिए कोई बड़ा ऐलान कर सकती है।
बता दें कि अजीत डोभाल का घाटी में दौरा गुप्त था और इसके बारे में बहुत कम अफसरों को जानकारी थी। अभी तक भी किसी को उनके इस गुप्त मिशन के विषय में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कश्मीर में आला अफसरों से बैठक की थी।
कश्मीर में वे किस किस से मिले, इस विषय में भी किसी को कोई जानकारी नहीं है। केन्द्र सरकार ने कश्मीर दौरे से लौटने के उपरांत कश्मीर में 10000 से ज्यादा सुरक्षा बलों को तैनात करने का निर्णय लिया है। केन्द्र इससे पहले भी जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेज चुकी है।
डोभाल के कश्मीर दौरे के बाद से कश्मीर के नेताओं और अलगावादियों के साथ साथ उन्हें समर्थन देने वालों के चेहरे पर खौफ साफ साफ देखा जा रहा है। इससे लोकसभा चुनाव से पूर्व ही राजनैतिक दल गठित करने वाले वहां के पूर्व आईएएस अफसर और जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट के अध्यक्ष शाह फैसल को चिंता सता रही है। कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे जाने पर उन्होंने चिंता भी जताई है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया साइट पर उन्होंने ट्विटर के जरिए ट्वीट भी किया है कि क्या घाटी में कुछ बड़ा होने वाला है? उन्होंने लिखा है कि कश्मीर में गृह मंत्रालय की तरह से सीआरपीएफ के सौ अतिरिक्त जवानों की कंपनी तैनात करना चिंता उत्पन्न कर रहा है।
क्या होने वाला है इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं है लेकिन इसकी चिंता सभी को सता रही है।