उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में 3 जुलाई की मध्य रात्रि को आतिब नाम के मुस्लिम ऑटो वाले की कुछ लोगों द्वारा पिटाई की घटना प्रकाश में आई। इस घटना पर आतिब ने बताया की उसकी पिटाई लोगों द्वारा "जय श्री राम" नहीं बोलने पर किया गया था। पर इस मामले की जांच के बाद पुलिस द्वारा बताया गया की मामला कुछ और था पर ऑटो ड्रावर द्वारा इसे साम्प्रदाइक रंग दिया जा रहा था।

इस पूरे मामले पर एसपी रवीना त्यागी ने जो कहानी बताई उसके अनुसार, आरम्भिक जांच से ऐसा पता चला है की ऑटो ड्रावर और पिटाई करने वाला व्यक्ति साथ में शराब पी रहे थे। इसी दौरान उनके बीच कहासुनी हुई जिसके बाद दोनों में हाथापाई हो गई। एसपी ने बताया की यहाँ "जय श्रीराम" बुलवाने का कोई मामला था ही नहीं।

जांच से पहले यह बताया जा रहा था की पिटाई का विरोध करने पर ऑटो ड्राइवर को सुलभ शौचालय में बांध कर रखा गया और सिर पर पत्थर मारे गए। इसके बाद उसे पहले केपीएम पहुंचाया गया और फिर हैलट में उसकी प्राथमिक उपचार कराने के बाद उसे घर भेज दिया गया।

इस घटना के बाद पूरे शहर में अफ़वाहों का बाजार गर्म था और हर तरफ इसे "जय श्री राम" बुलवाने के बाद पिटाई करने का मामला बना कर पेश किया गया था। हालांकि अब इस मामले की जांच के बाद पूरी सच्चाई सबके सामने आ चुकी है।

बहरहाल ऐसे कई फर्जी मामले मीडिया में आये हैं जिसमे पहले सांप्रदायिक विवाद का एंगल दिया गया।  ऐसे मामलों को एक वर्ग खूब हवा देता है जिससे सरकार की छवि को नुक्सान पहुंचे।