लोकसभा चुनाव आने वाले है जिसको लेकर देशभर में चुनाव का माहौल बना हुआ है। चुनाव में खुद को सबसे अच्छा और फ़ायदेमंद बताने के लिए सभी पार्टियां अपना प्रचार करने में लगी हुई है। इसके  साथ ही पार्टियां सभी वोटरों को धर्म, जाति और लिंग के आधार पर भी अपनी तरफ खींचने की कोशिश में लगे हुए है। हाल ही में मायावती ने अपनी रैली में धर्म के आधार पर वोट मांगने की कोशिश की थी। सीएम योगी ने मायावती के इस बयान पर नशाना साधते हुआ कहा की अगर सपा-बसपा और कांग्रेस का भरोसा ‘अली’ में है तो हमारा भरोसा ‘बजरंगबली’ में है।

हुआ ऐसा की कुछ दिन पहले बसपा सुप्रीमों मायावती ने यूपी के ‘देवबंद’ मे एक रैली संबोधित करते हुआ कहा की यदि मुस्लिम मोदी और योगी को यूपी से भगाना चाहते हैं तो केवल सपा, बसपा और रलोद गठबंधन को ही वोट दें। मायावती के इस बयान पर सीएम योगी ने निशाना साधते हुआ कहा की- ‘मायावती जी के द्वारा इस प्रकार का संबोधन कांशीराम जी और आंबेडकर जी का अपमान है और इससे बड़ा दूसरा अपमान नहीं हो सकता है। अगर उन्हें केवल मुस्लिम वोट ही चाहिए तो स्वाभाविक रूप से दूसरा वोट भी तय कर लेगा कि कहां जाना है।'

योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'महामिलावटी ठगबंधन वाले भी हरे वायरस से संक्रमित हैं। बस स्ट्रांग एन्टी-वायरस के डर से हरे रंग का मेनिफेस्टो में जिक्र नहीं किया। इनके परमानेंट इलाज के लिए तगड़े एन्टी वायरस की जरूरत है जो आप हैं, उत्तर प्रदेश की जनता इस बार ऐसा इलाज करेगी कि फिर ये वायरस भारत में दोबारा नहीं जन्म लेगा।'

फिर योगी ने कहा हमारे मोदी के रहते देश और प्रदेश को ऐसे वायरस से परेशान होने की जरुरत नहीं है। इस तरह का बयान देने के बाद योगी अभी सुर्खियों में बने हुए है।