नागरिकता संशोधन कानून पर हंगामा खत्म होने का नाम नहीं हो रहा है। पिछले दिनों जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्रों द्वारा किये गए हिंसक विरोध पर दिल्ली पुलिस की सख्त कार्रवाई को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साल 1919 में अंग्रेजों द्वारा किये गए जालियावाला बाग नरसंहार से जोड़ दिया था। उद्धव ठाकरे के इस बयान पर मुंबई के एक शख्स ने टिप्पणी की जिसके बाद उन्हें लेने के देने पड़ गए।
मुंबई के वडाला क्षेत्र के निवासी राहुल उर्फ़ हीरामन दुबे ने उद्धव के बयान पर 19 दिसंबर के दिन एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से सवाल पूछे। इस पोस्ट को देखने के बाद शिवसैनिक भड़क उठे और राहुल को धमकियाँ देने लग गए। धमकियों से मन नहीं भरा तो 22 दिसंबर के दिन शिव सैनिक राहुल के घर आ धमके और उन्हें घर से जबरदस्ती बाहर निकाल कर पहले मार पीट की और फिर उनके बाल काट कर उन्हें गंजा कर दिया।
पीड़ित शख्स ने इस पूरे मामले पर बात करते हुए मीडिया को बताया कि जिन लोगों ने उनके साथ मार-पीट की है, वे सभी उन्हें पहले से अच्छी तरह पहचानते थे । राहुल ने स्थानीय पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना के दौरान पुलिस वहीं मौजूद थी और मूक दर्शक की तरह सबकुछ देख रही थी। पुलिस घटना के बाद उन्हें पहले संगम नगर पुलिस चौकी ले गई और फिर वडाला टीटी पुलिस स्टेशन ले गई। राहुल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका बयान दर्ज करवाने के बजाय समझौता करने को कहा और फिर घर जाने को कहा।
बता दें कि यह मामला तब सुर्ख़ियों में आया जब इस पूरे वाक्ये का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लग गया। वायरल वीडियो में शिव सैनिक हिरामन दुबे के साथ मार-पीट होती हुई साफ़ देखी जा सकती है साथ ही उनके बाल भी काटते हुए शिव सैनिक दिख रहे हैं।
वीडियो के वायरल होने के बाद हिरामन दुबे ने मीडिया के सामने आ कर बताया की कैसे उनके जान पहचान वाले लोगों ने ही प्लान बना कर उनके साथ बदसलूकी की।