संसद से नागरिकता संशोधन कानून के पास होने और इसके कानून बनने के बाद इसपर हंगामा मचा हुआ है। कई जगहों पर इसके खिलाफ हिंसक प्रदर्शन भी हुए और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया गया। इन्हीं प्रदर्शनों के दौरान उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी भारी हिंसा देखने को मिली थी। अब इसी हिंसा वाले मामले में योगी सरकार ने AMU के 10 हजार अज्ञात छात्रों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है।

गौरतलब है की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। स्वयं को छात्र बताने वाले उन्मादियों के समूह ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कैंपस में सभा की थी, और इस सभा में नागरिकता संशोधन बिल 2019 को मुस्लिम विरोधी करार दिया था। इस विरोध के दौरान उन्मादियों के समूह ने नागरिकता संशोधन विधेयक की प्रतियाँ जलाने के साथ साथ हिंदुत्व विरोधी नारे लगाए। उन्होंने ‘हिंदुत्व मुर्दाबाद’ कह कर अपना विरोध दर्ज करवाया।

अब उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हुए इन हिंसक प्रदर्शन के खिलाफ यूपी पुलिस कार्रवाई कर रही है। एएमयू में बड़ी संख्या में छात्रों ने जो प्रदर्शन किया था उसमे देखते ही देखते ये प्रदर्शन हिंसक हो गया था.  इस दौरान एएमयू गेट को भी कुछ शराराती तत्वों ने तोड़ डाला था। इसे लेकर यूपी पुलिस और AMU छात्र संघ के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी लगा था।

छात्र संघ की तरफ से इस मामले पर कहा गया था कि पुलिस ने ज़्यादती कर रही है। दरअसल प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को वहां आँसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े थे। पुलिस का आरोप है कि प्रदर्शनकारियों की तरह से की गई पत्थरबाजी में कुछ पुलिस के जवान भी जख्मी हो गए थे।

बता दें कि उत्तरप्रदेश में हुए प्रदर्शन और हंगामों के बाद अब स्थितियाँ शांति की तरफ लौटने लग गई है। पूरे राज्य में अब माहौल शांतिपूर्ण है और कहीं से ताज़ा हिंसा की खबर नहीं है। कल जुमे के दिन पुलिस ने सतर्कता बरती और इसी कारण कोई बड़ा विरोध कल नहीं हो पाया।