उत्तरप्रदेश में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए योगी सरकार लगातार कई कठोर निर्णय ले रही है। पिछली सरकारों के समय से ही भ्रष्टाचार के मामले में उत्तरप्रदेश बहुत आगे था जिसे वर्तमान सरकार ने रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है कि जो भी अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है उन पर कार्यवाही की जाए।

योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कार्यवाही हुई है वो पुरे देश में किसी भी राज्य सरकार ने नहीं की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती के साथ कार्यवाही करते हुए अब तक करीब 200 अधिकारियों और कर्मचारियों को ज़बरदस्ती रिटायरमेंट दे दिया है और करीब 400 अफसरों एवं कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन और दंड आदि कार्यवाही की कई है।

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी राज्य सचिवालय की प्रशासनिक बैठक में सभी अधिकारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त दोषी, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की एक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने उक्त सम्बन्ध में पेश की गई रिपोर्ट पर कार्यवाही करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है।

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इस कार्यवाही के बाद जो भ्रष्टाचार में लिप्त है उन्हें जबरन रिटायरमेंट दे दिया गया है और कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही करते हुए उनका प्रमोशन रोक दिया है और इन्हें दूसरी जगह भेजने की कार्यवाही की जायेगी। इन सब में अधिकतर आईएएस और आईपीएस अफसर शामिल है। इन सभी अधिकारियों की सूची अब योगी सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष पेश की है। यह भी बताया जा रहा है कि योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई यहीं नहीं रुकने वाली है, उन्होंने इस तरह की कार्यवाही को लगातार चलाये जाने की बात कही है।