बिना शिवसेना के समर्थन के भी राज्यसभा में पास होगा नागरिकता बिल, सरकार कैसे जुटाएगी आंकड़े?

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Nikhil Talwaniya
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बिना शिवसेना के समर्थन के भी राज्यसभा में पास होगा नागरिकता बिल, सरकार कैसे जुटाएगी आंकड़े?

ऐतिहासिक नागरिकता संशोधन बिल 2019 को लोकसभा में आसानी से पास कराये जाने के बाद इसे आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा और आज शाम तक इसपर वोटिंग होगी। इस वोटिंग के दौरान शिवसेना का पक्ष साफ़ नहीं आ रहा है क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन सरकार की मजबूरियों की वजह से ऐसा हो सकता है की राज्य सभा में शिवसेना बिल के विरोध में वोट करे। ऐसे में हर किसी के मन में यही सवाल है कि क्या बिना शिवसेना के समर्थन के भाजपा यह बिल पास करवा पाएगी? अगर भाजपा की प्लानिंग पर नजर डालें तो ऐसा प्रतीत होता है की शिवसेना के समर्थन के बिना भी राज्य सभा में यह बिल आसानी से पास हो जाएगा।

मोदी सरकार के पास राज्यसभा में आज पेश किए जाने वाले नागरिकता संशोधन बिल 2019 यानी CAB को पास कराने लायक आंकड़े मौजूद हैं। संख्या बल की बात करें तो बिल के खिलाफ राज्य सभा में जहाँ 100 सदस्य हैं वहीं एनडीए और बिल का समर्थन करने वाले सहयोगी दलों की सम्मलित संख्या 130 से अधिक जा रही है।

ग़ौरतलब है की कुल राज्यसभा सीटों की संख्या 245 है जिसमे वर्तमान में पांच सीटें रिक्त हैं।ऐसे में सदन सदस्यों की कुल संख्या 240 हो रही है। इस लिहाज से भाजपा को नागरिकता संशोधन बिल पास कराने के लिए कुल 121 सांसदों का समर्थन चाहिए।

वर्तमान में राज्यसभा में भाजपा के सांसदों की संख्या 83 है और इनके अलावा जेडीयू के 6, एलजेपी का 1, एसएडी के 3, आरपीआई का 1 सदस्य एनडीए में होने के कारण भाजपा के साथ हैं जिससे यह बिल के पक्ष में संख्या बल 94 हो जाता है। अब इसके बाद  कुछ अन्य दल जैसे एआईएडीएमके के 11, बीजेडी के 7 और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 2 सदस्य भी इस बिल पर अपना समर्थन जता चुके है जिससे यह संख्या 114 हो जाती है।

114 सदस्यों के बाद भी 7 सदस्यों की जरुरत भाजपा को इस बिल को पास करवाने के लिए पड़ने वाली है। ऐसे में राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य मदद कर सकते हैं। वर्तमान में कुल 12 नामित सदस्यों में से 8 ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है और बाकी के 4 सदस्यों में से 3 मनोनीत सदस्य बिल के लिए अपना समर्थन दे चुके हैं। ऐसे में बिल के समर्थन में संख्या बल 125 हो जाती है जो बिल को पास करवाने के लिए काफी है।

इन सब के अलावा टीडीपी के 2 सांसद और 3 अन्य सांसद भी इस बिल पर सरकार का साथ दे सकते हैं ऐसी संभावना है। ऐसे में अगर शिवसेना के 3 सांसदों को हटा भी देते हैं तो बिल को पास होने में कोई समस्या नजर नहीं आती है।

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