दिल्ली के जवाहरलाल विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा और नेता शेहला रशीद ने अब चुनावी राजनीति छोड़ दी है। इस मसले पर शेहला का आरोप है कि कश्मीरियों के साथ हो रहे व्यवहार को वह बर्दाश्त नहीं कर सकती हैं। जम्मू कश्मीर में होने वाले BDC चुनाव से पहले ही शेहला ने राजनीति छोड़ने की घोषणा की है।

शेहला रशीद ने कहा कि अब केंद्र सरकार दुनिया को चुनाव करा कर यह दिखाना चाहेगी कि अभी भी कश्मीर में लोकतंत्र है, परन्तु जो चल रहा है वह लोकतंत्र नहीं, उसकी हत्या है। शेहला रशीद ने इस साल मार्च में पूर्व आईएएस अफसर और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) शाह फैसल की पार्टी ज्वॉइन की थी।

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से शेहला रशीद के खिलाफ जम्मू कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के विषय में उनके बयान को लेकर उनके विरुद्ध देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था। अपने खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले को शेहला रशीद ने 'तुच्छ राजनीति से प्रेरित' और उन्हें चुप कराने की दयनीय कोशिश बताया था।

कश्मीर घाटी में कथित रूप से सैन्य कार्रवाई की गलत सूचना ट्वीट करने के लिए शेहला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए (देशद्रोह), 153-ए (दुश्मनी को बढ़ावा देना), 504 (जानबूझकर शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने) और 505 (उपद्रव करवाने के लिए बयान देने) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

बता दें कि जम्मू कश्मीर में BDC चुनाव होने हैं। 24 अक्टूबर को राज्य के 316 में से 310 ब्लॉक्स के लिए मतदान होगा।