मध्यप्रदेश में पिछले साल नवंबर महीने में हुए विधानसभा चुनाव भाजपा ने सत्ता गवा दी है और कांग्रेस ने सत्ता हासिल की थी। कांग्रेस के सत्ता हासिल करने में कांग्रेस के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका अहम रही । ज्योतिरादित्य लगभग अपने सभी विधायकों को जीताने में कामयाब रहे थे। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जीत के बाद कांग्रेस के आला कमान ने उन्हें मध्यप्रदेश की राजनीति दूर कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना दिया गया । मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया माने जा रहे थे। परन्तु उन्हें मध्यप्रदेश से दूर करके पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी और कांग्रेस का महसचिव बना दिया गया।
कांग्रेस के आला कमान द्वारा लिए गए इस निर्णय से ज्योतिरादित्य सिंधिया खुश नजर नहीं आ रहे है। इन सब के बाद वे मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधने लगे। उन्होंने कर्जमाफी को लेकर कमलनाथ सरकार को घेरते हुए बयान दिया "किसानों को 2 लाख रुपये तक की कर्जमाफी का वादा किया था और अभी तक सिर्फ 50 हजार रूपए का ही कर्जमाफ़ किया है। पूरे 2 लाख रुपये की कर्जमाफी होनी चाहिए।” ग़ौरतलब है की ज्योतिरादित्य ने मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 के निष्क्रिय किये जाने वाले फैसले पर अपनी पार्टी के विरुद्ध जाकर बयान दिया और सरकार के इस फैसले का समर्थन किया।
ज्योतिरादित्य के इस तरह के विरोधी स्वर और मध्यप्रदेश के भिंड में छपे एक पोस्टर को मिलाकर देखा जाये तो चारों तरफ अनुमान लगाया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य भाजपा में शामिल होने जा रहे है। ग़ौरतलब है कि भिंड में ज्योतिरादित्य बाढ़ पीड़ितों से मिलने गए थे। वहां पर भाजपा कार्यकर्ता और भारत रक्षा मंच के संयोजक हृदयेश शर्मा ने एक पोस्टर लगाया था जिसमे ज्योतिरादित्य, पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का फोटो शामिल हुआ है। इस फोटो को देखकर लोग कयास लगा रहे है कि ज्योतिरादित्य जल्द ही भाजपा में शामिल होने वाले है।
ग़ौरतलब है कि ज्योतिरादित्य को जब अपनी राजनैतिक यात्रा प्रारम्भ करने का मौका मिला तब उन्होंने अपनी पिता की विरासत को चुना और कांग्रेस में शामिल हुए।