आम तौर पर कॉलेज और स्कूलों में ड्रेस कोड इसलिए होता है ताकि सभी धर्म के छात्र छात्रों के बीच आपसी भाईचारे का माहौल बना रहे। हाल ही में अलीगढ का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिसमे कुछ छात्र नेताओं ने यह मांग की है कि अगर विश्वविद्यालय में मुस्लिम छात्र छात्रा बुर्का और टोपी पहनकर आते है तो हम भी भगवा वस्त्र और टिका लगाकर कॉलेज आएंगे। कुछ दिनों पहले यूपी के एक कॉलेज में भी लड़कियों के बुर्के पर बैन लगा दिया गया था।
अलीगढ़ स्थित धर्म समाज कॉलेज में छात्र नेता अमित गोस्वामी ने कॉलेज प्रबंधक को एक ज्ञापन दिया है जिसमे उन्होंने कॉलेज प्रशासन से मांग की है कि आने वाले 72 घंटों में कॉलेज में बुर्का और टोपी प्रतिबंधित की जानी चाहिए किसी को भी कॉलेज परिसर में वर्किंग टाइम में बुर्का और टोपी में एंट्री की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
इस मुद्दे पर छात्र नेता अमित गोस्वामी ने मीडिया से बातचीत में कहा "अलीगढ़ में डीएस कॉलेज हो या फिर टीआर और वार्ष्णाय कॉलेज, सभी में ड्रेस कोड लागू हो। बावजूद इसके कुछ छात्र-छात्राएं धर्म विशेष से जुड़ा बुर्का या टोपी पहनकर आते हैं। बुधवार को डीएस कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर मुकेश भारद्वाज को हमने इस संबंध में एक ज्ञापन दिया है। हमारी मांग है कि आने वाले 72 घंटे में कॉलेज परिसर में बुर्का और टोपी प्रतिबंधित की जाए। इतना ही नहीं किसी को भी दोपहर 3 बजे तक कॉलेज परिसर के अंदर बुर्के और टोपी में एंट्री न दी जाए।"
छात्र नेता अमित गोस्वामी ने अन्य कॉलेज को भी चेतावनी दी है “अभी हमने डीएस कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर को ज्ञापन सौंपा है। मंगलवार और बुधवार को दो अन्य कॉलेजों में भी इस संबंध में ज्ञापन दिया जाएगा। मांग की जाएगी कि यहां भी बुर्का और टोपी को बैन किया जाए। अगर अलीगढ़ के तीनों कॉलेज में ऐसा नहीं होता है तो अन्य छात्र भगवा वस्त्र पहनकर आना शुरु कर देंगे।”
अमित गोस्वामी ने कहा कि "अगर कॉलेज प्रशासन हमारी मांगों पर गौर नहीं करते हैं और 72 घंटे में बुर्का और टोपी बैन नहीं किया जाता है तो उसके बाद कॉलेज की दूसरी छात्राएं बुर्का पहनकर कॉलेज आने वाली छात्राओं के बुर्का उतरवाएंगी और छात्रों की टोपी अन्य छात्र उतरवाएंगे।"
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि "शहर के तीन बड़े कॉलेज में बुर्का और टोपी बैन करने के साथ ही हम डीएम से मिलकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी धार्मिक पहचान के वस्त्र बुर्का और टोपी को बैन कराने की मांग करेंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर एएमयू में भगवा वस्त्र पहनकर और टीका लगाकर आने वाले दूसरे छात्रों को सुरक्षा देने की मांग की जाएगी।"