अब वॉट्सऐप के पेमेंट सर्विस का इंतजार जल्द ही खत्म हो सकता है। अगले दो महीने में वॉट्सऐप डेटा लोकलाइजेशन नियम का अनुपालन पूर्ण कर लेगी। फिर देश में वह अपनी पेमेंट सर्विसेज़ शुरू कर सकती है। यह बात भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के मुख्य कार्यकारी दिलीप अस्बे ने एक साक्षात्कार में कही।

देश में पेमेंट सर्विसेज देने वाली कंपनियों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर ही रखे जाने का नियम बनाया है और इसका पालन अमेज़न, गूगल, मास्टर कार्ड, वीजा, पे-पाल सहित बाकी विदेशी पेमेंट सर्विस कंपनियों को करना है। इन कंपनियों को नियमों के आधार पर लेनदेन के आंकड़े देश में ही सुरक्षित करने हैं साथ ही अपने विदेशी सर्वरों से ऐसे आंकड़ों को 24 घंटे के भीतर मिटाना है।

अस्बे ने बताया कि घरेलू अर्थव्यवस्था में वॉट्सऐप पेमेंट सर्विसेज शुरू होने के बाद भी नकदी की अधिकता को कम करने में 2 वर्ष तक का समय लग सकता है। अर्थव्यवस्था में नकदी वर्चस्व को कम करने हेतु डिजिटल माध्यम से लेनदेन करने वालों की संख्या कम से कम 30 करोड़ तक होनी चाहिए।

बता दें कि पिछले साल देश में वॉट्सऐप ने अपनी पेमेंट सर्विस की टेस्टिंग शुरू की थी। शेष समस्त हितधारक इसकी आधिकारिक शुरुआत के लिए नजर रखे हुए हैं। जिसकी वजह वॉट्सऐप के साथ 30 करोड़ से ज्यादा लोगों का जुड़ना है।

अस्बे ने यह भी कहा कि अभी भी कुछ मध्यस्थ कंपनियां हैं, जहां इस दिशा में काम चल रहा है। जिसमे पहली कंपनी गूगल और दूसरी वॉट्सऐप है। वॉट्सऐप अगले 2 महीनों में खुद को नियमों के अनुरूप तैयार कर लेगी। अभी वॉट्सऐप ने पेमेंट सर्विस का उपयोग करने वाले ग्राहकों की सेवा को 10 लाख तक सीमित किया है क्योंकि अभी उसे रिजर्व बैंक की शर्त के तहत ग्राहकों से संबंधित आंकड़ों के स्थानीय करण नियम के अनुपालन में और समय लगेगा।