नागरिकता बिल पर देश की संपत्ति जला रहे हैं जिहादी उन्मादी, जामिया-एएमयू में हिंसक प्रदर्शन

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Prabhat Sharma
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नागरिकता बिल पर देश की संपत्ति जला रहे हैं जिहादी उन्मादी, जामिया-एएमयू में हिंसक प्रदर्शन

संसद द्वारा हाल ही में पास किये गए नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। जहाँ इन प्रदर्शनों की शुरुआत उत्तरपूर्व राज्यों से अहिंसक विरोध के तौर पर हुई वहीं उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में इसे लेकर हिंसक विरोध हो रहे हैं। रविवार को दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के नज़दीक और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हिंसक प्रदर्शन हुए। बता दें की उत्तरप्रदेश के छह जिलों में धारा 144 लगी है, अलीगढ़ व सहारनपुर में इंटरनेट बंद है और इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में भी हिंसक प्रदर्शन के बाद तनाव की स्थिति बनी हुई है।

अगर बात करें पूर्वोत्तर की तो असम में पिछले कुछ दिनों से कई इलाकों में कर्फ्यू लगाईं गई है।  कर्फ्यू के कारण कुछ सुधार देखने को मिल रहा है जिस वजह से गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में कई घंटे की ढील दी गई। इस बीच भी वहां  शांतिपूर्ण प्रदर्शन होते रहे।

उत्तरप्रदेश में तनाव बढ़ने पर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनता से शांति और सौहार्द बनाने की अपील की और कहा कि वे नागरिकता संशोधन कानून के बारे में कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान ना दें। उन्होंने इस दौरान कहा कि "नागरिकता संशोधन कानून के संदर्भ में कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाई जाने वाली किसी भी प्रकार की अफ़वाह पर ध्यान न दें। राज्य में कायम अमन-चैन के माहौल को प्रभावित करने की किसी को अनुमति नहीं हैं।"

नागरिकता बिल में क्या है प्रावधान

नागरिकता संशोधन बिल के संसद से पास होने के बाद अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेज़ों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता आसान हो गया है परन्तु अगर ये नागरिक मुस्लिम होंगे तो उनके लिए नागरिकता हासिल करना मुश्किल ही रहेगा।

इस बिल से अब सभी गैर मुस्लिम धर्म के लोगों अर्थात हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए नागरिकता हासिल करने के लिए 11 साल देश में रहना जरूरी नहीं होगा जो पहले होता था। इस नए बिल के आने के बाद अब सिर्फ 6 साल की अवधि के बाद गैरमुस्लिओं को नागरिकता दी जा सकेगी।

क्यों हो रहा है विरोध?

पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में तो इस बिल का विरोध इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वहां के लोग बाहरी लोगों के वहां पर बसने के खिलाफ हैं। पर यही विरोध पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश और दिल्ली में सिर्फ इसलिए किया जा रहा है क्योंकि नागरिकता बिल में मुस्लिमों को अलग रखा गया है।

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