पत्रकारिता के क्षेत्र में विनोद दुआ बहुत ही प्रसिद्ध व्यक्ति है। लेकिन उनपर यौन शोषण का आरोप लगा हुआ है। #MeToo कैम्पेन के दौरान इन पर भी एक महिला ने आरोप लगाए थे। बहरहाल विनोद दुआ इन दिनों फिर से चर्चा का विषय बने हुए है। इस बार उनके चर्चा का कारण बना है उनका खुद का पाखंड जो दो अलग प्रधान मंत्रियों के लिए उन्होंने दिखाया है।
बता दें की अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर सोशल मीडिया के जरिये वामपंथी विचारधारा की समर्थक कविता कृष्णन सहित कई लोगों ने तरह तरह की टिप्पणियां की थी। साथ ही विनोद दुआ ने भी उनके निधन पर कहा था कि हमारे भारत देश में अचानक से मृत व्यक्ति को महान बना देने का एक चलन है, जो एक तरह का पाखंड ही है। साथ ही उन्होंने वाजपेयी को दी जा रही श्रद्धांजलि के विषय में कहा था कि उन्हें ‘जिस तरह की’ श्रद्धांजलियाँ दे रहे हैं उसे केवल पॉलिटिकली करेक्ट ही समझा जाता है असली श्रद्धांजलि तभी पूर्ण हो सकती है जब निधन के उपरांत किसी की अच्छाइयों के साथ साथ उसकी बुराइयों की भी चर्चा हो।
बता दे की कुछ दिनों पहले ही पीएम मोदी ने पूर्व पीएम राजीव गाँधी को भ्रष्टाचारी नंबर 1 कहा। जिसके बाद से कॉंग्रेस ने मोदी पर कई तरह की व्यक्तिगत व भद्दी टिप्पणियाँ की। कई नेताओं ने कहा की उनके बारे में ऐसा कहना गलत है क्योंकि वह मर चुके है। इन टिप्पणियों में विनोद दुआ ने भी अपने हाँथ धोये। विनोद दुआ के अनुसार, राजीव गाँधी के विषय में कुछ भी बोलने का अर्थ हुआ- ‘कुर्सी के लिए नीचे गिर जाना’।
Hypocrite or even worse character 😡😠 @VinodDua7
— CONgress Mukt Bharat (@sagenaradamuni) May 7, 2019
This is just another example how Luyten media twists facts & figures to suit their & CONgis agenda pic.twitter.com/qZmqp5Yt5k
विनोद दुआ का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमे उन्होंने कहा है कि हमारे ‘प्रधानसेवक’ ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए दिवंगत पीएम राजीव गाँधी के बारे में ऐसी टिप्पणी की है जो की सही नहीं है। वह अपने उन बयानों से भी मुकर गए जो उन्होंने वाजपेयी के समय दिए थे और कहा कि हमारे यहाँ एक चलन है कि जो दिवंगत हो चुके हैं, जिनका निधन हो चुका है, उनके विषय में ऐसा न बोला जाए।