कई असामाजिक तत्वों द्वारा मंदिरों में तोड़फोड़ करने के मामले सामने आये है। पिछले 2 नवंबर को उत्तरप्रदेश का एक मामला सामने आया है जिसमे कुछ असामाजिक तत्वों ने प्राचीन शिव मंदिर में स्थापित भगवान शनिदेव की मूर्ति को खंडित कर दिया है। मामले की जानकारी जब ग्रामीणों को मिली तो वे आक्रोशित हो गए और उन्होंने जमकर हंगामा कर दिया है।

दरअसल मामला उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर के वैरा फिरोजपुर गाँव का है। गांव में प्राथमिक स्कूल है जिसमे भगवान शिव का बहुत ही प्राचीन मंदिर है। 3 नवंबर को जब स्कूल में रमेश नाम का ग्रामीण मंदिर की सफाई करने गया तो उसने देखा कि मंदिर के पास पीपल के पेड़ के नीचे रखी भगवान शनिदेव की मूर्ति किसी ने खंडित कर दी है। ये बात जैसे ही गांव में फैली गांव वाले भारी संख्या में मंदिर परिसर में पहुंच गए और हंगामा करने लगे।

इस पूरे मामले में एसडीएस सुभाष सिंह, सीओ मनीष यादव व कोतवाली प्रभारी नरेंद्र कुमार शर्मा ने ग्रामीणों का गुस्सा शांत करने के लिए आरोपियों पर सख्त कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। पुलिस को अभी तक इस घटना को अंजाम देने वाले की जानकारी नहीं मिली है। पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने खंडित मूर्ति को गंगा में प्रवाहित कर दिया है।

एसडीएम ने अपने बयान में कहा है कि "पीपल के वृक्ष के नीचे स्थापित एक-डेढ़ फीट ऊँची शनिदेव की प्रतिमा को किसी शराबी ने खंडित कर दिया। गाँव वालों ने उन्हें बताया कि परिसर में अक्सर लोग शराब पीने आते हैं और ख़ुराफ़ात करते हैं। इसलिए अब इनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मामले की जाँच चल रही है।"