बॉलीवुड से पॉलिटिक्स में एंट्री कर चुकीं उर्मिला मातोंडकर ने गुरुवार को आर्टिकल-370 हटाए जाने के पश्चात् जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उर्मिला ने बताया कि कश्मीर में लगे कई तरह के बैन के कारण पिछले 22 दिनों से वहां रह रहे अपने माता-पिता से उनके पति बात नहीं कर पाए हैं।

उर्मिला मातोंडकर ने पत्रकारों से कहा, ‘सवाल सिर्फ आर्टिकल 370 हटाने का नहीं है। यह अमानवीय तरीके से किया गया।'  उर्मिला ने कहा, ‘मेरे सास-ससुर वहां रहते हैं। दोनों को शुगर और हाई ब्लड प्रेशर है। आज 22वां दिन है, न तो मैं और न ही मेरे पति उनसे बात कर पाए हैं। हमें कोई अंदाजा नहीं है कि क्या उनके पास घर में दवाएं उपलब्ध हैं या नहीं।’

बताते चले कि एक तरफ कांग्रेस के कुछ नेता 370 हटाने का विरोध कर रहे है। वहीं पार्टी के कुछ नेताओं ने इसका समर्थन भी किया है। 370 हटने के बाद मिलिंद देवड़ा ने कहा था, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आर्टिकल 370 को उदार बनाम रूढ़िवादी बहस में बदल दिया गया. पार्टियों को अपनी विचारधारा को अलग रखकर इस पर बहस करनी चाहिए कि भारत की संप्रभुता और संघवाद, जम्मू-कश्मीर में शांति, कश्मीरी युवाओं को नौकरी और कश्मीरी पंडितों के न्याय के लिए बेहतर क्या है?"

दीपेंद्र हुड्डा ने लिखा था, "मेरा पहले से विचार रहा है कि 21वीं सदी में आर्टिकल 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है. मगर मौजूदा सरकार की पूर्णत: यह जिम्मेदारी है कि इसका क्रियान्वयन शांति और विश्वास के वातावरण में हो."

बता दे कि 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया था। संसद के दोनों सदन में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35 ए को हटाने का विधेयक पेश किया, जो पूर्ण बहुमत के साथ पास हो गया था

जम्मू-कश्मीर विधेयक पेश किये जाने के बाद राज्य में अभूतपूर्व सुरक्षा है। वहां के हालात अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं।