सिविल सेवा परीक्षा 2018 की अंतिम चरण की परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके हैं। देश की सबसे प्रतिष्ठित इस परीक्षा में कनिष्क कटारिया ने पहला स्थान प्राप्त किया है। कनिष्क ने IIT बॉम्बे से बी. टेक भी किया है। देश सेवा के जूनून से लबरेज कनिष्क ने लिखित परीक्षा में गणित को अपने वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था।

कनिष्क ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता तथा अपनी गर्लफ्रेंड को दिया है। डाटा साइंटिस्ट कनिष्क पिछले डेढ़ साल से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। वे अनुसूचित जाति के दूसरे ऐसे उम्मीदवार हैं जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इससे पहले 2015 में अनुसूचित जाति की टीना डाबी ने भी इस परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया था।

आईएएस आईपीएस और आईपीएफ जैसी प्रतिष्ठित सेवाओं के लिए यूपीएससी के द्वारा कुल 759 उम्मीदवारों के नामों की अनुशंसा की गई है। इसमें 577 पुरुष और 182 महिला उम्मीदवार हैं। UPSC के द्वारा हर वर्ष यह परीक्षा आयोजित की जाती है। यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है - प्रारंभिक, लिखित और इंटरव्यू। इन सभी चरणों में सफल होने के बाद उम्मीदवारों को उनकी रैंक के आधार पर विभिन्न पदों पर नियुक्ति दी जाती है।

यूपीएससी के द्वारा परिणामों की घोषणा शुक्रवार के दिन की गई थी। इस परीक्षा में अक्षत जैन को दूसरी और जुनैद अहमद को तीसरी रैंक प्राप्त हुई है। अक्षत जैन ने भी आईआईटी गुवाहाटी से स्नातक किया है वे भी समाज सेवा करने के इरादे से इस परीक्षा में बैठे थे। अक्षत के माता-पिता भी सिविल सेवा में हैं और उन्होंने भी अक्षत को सेवा में आने के लिए प्रेरित किया। बिजनौर के जुनैद अहमद ने भी इस परीक्षा में तीसरा स्थान प्राप्त करके अपने बचपन के सपने को साकार किया है।

महिला उम्मीदवारों में भोपाल की सृष्टि जयंत देशमुख ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उनको इस परीक्षा में देश में पांचवां स्थान प्राप्त हुआ है। सृष्टि ने अपनी सफलता का श्रेय परिवार माता-पिता और गुरुजनों को दिया है। सृष्टि ने कहा कि बचपन ही उनका सपना था कि वे इस परीक्षा को पास करें।