चक्रवाती तूफान फानी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को ओडिशा में यह लगभग करीब आठ बजे पहुंचा। इस तूफान की रफ़्तार 200 किमी प्रति घंटा की है। ओडिशा के समुद्रतटीय इलाकों में तेज हवाएं 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं साथ ही बारिश भी जारी है।

बता दे कि फानी तूफान सुबह के 5 बजे तक पुरी के समुद्री तट से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर था। इसके बाद में यह तूफान तेजी से पुरी तट पर टकराया।

शहर पुरी में समुद्र के किनारे स्थित मंदिर में और बाकी अन्य जगहों पर पानी भर गया है।  सभी तटीय इलाकों में भारी बारिश भीचल रही है। अनेक पेड़ उखड़ गए है। इतना ही नहीं भुवनेश्वर सहित कुछ स्थानों पर बनीं हुई झोपड़ियां भी इससे नष्ट हो गई हैं।

इस तूफान को देखते हुए लोगों से ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपील की है कि वे कुछ समय के लिए अपने अपने घरों के भीतर ही रहें। यह भी बताया की लोगो की सुरक्षा हेतु सभी जरूरी इंतज़ाम कर लिए गए है। इसके अलावा राज्य के मुख्य सचिव ने बताया कि इस फानी तूफान के टकराने की चार-पांच घंटे की पूरी प्रक्रिया होगी।  इस तूफान से होने वाली हानि को रोकने के लिए ओडिशा सरकार ने 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पंहुचा दिया है।

जानकारी दे दें की वर्ष 1999 के हुए सुपर साइक्लोन के बाद से यह साइक्लोन फानी अब तक का सबसे खतरनाक तूफान होगा।  

अभी तक फानी तूफान से तीन लोगों की मृत्यु हो चुकी है। खबर है कि इस तूफान से ओडिशा में 2 लोग मरे है और एक व्यक्ति की मृत्यु पेड़ गिरने की वजह से हुई है। जबकि दूसरे व्यक्ति की मृत्यु हार्ट अटैक के कारण हुई है।

भारतीय मौसम विभाग के एडिशन डीजी मृत्युंजय महापात्रा ने बताया है कि यह तूफान कल सुबह पश्चिम बंगाल पहुंच जायेगा। अगले 6 घंटे के भीतर यह कमज़ोर होगा। पश्चिम बंगाल के लिए यह सीवियर साइक्लोन रहेगा जिसमे वहां हवा की गति 90-100kmph तक हो सकती है। 4 मई की शाम को बंगाल में इसका असर दिखेगा। इसके बाद कमज़ोर होकर यह बांग्लादेश पहुँचेगा।