पिछले महीने महाराष्ट्र की राजनीति ने कई तरह के परिवर्तन देखने को मिले थे। अब महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई है। इस सरकार में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री है। पर अब आसार लग रहे है कि शायद ये गठबंधन भी टूट सकता है।

इसकी मुख्य वजह कल लोकसभा में केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल पेश किया था जिस पर पहले तो महाराष्ट्र सरकार का विरोध था परन्तु वोटिंग के दौरान शिवसेना ने इसका समर्थन किया है। यह बिल लोकसभा में 311 मतों के साथ पास हुआ है इसके विरोध में करीब 80 वोट पड़े थे।

पिछले दिनों सरकार बनाने के लिए महाराष्ट्र में भाजपा के साथ शिवसेना ने दशकों पुराना अपना गठबंधन तोड़ दिया था। इसके बाद शिवसेना ने एनसीपी एवं कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई है। गठबंधन की सरकार होने के बाद भी शिवसेना ने इस बिल पर भाजपा का समर्थन किया है।

इस विषय पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने एक बयान दिया जिसमे कहा कि "राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर उनकी पार्टी का समर्थन जारी रहेगा, चाहे केंद्र की सत्ता किसी भी राजनीतिक पार्टी के पास हो।"

कांग्रेस पार्टी के अनुसार यह निर्णय सेक्युलर भावनाओं पर बनी सहमति के खिलाफ माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार इस बात पर कांग्रेस और एनसीपी दोनों उद्धव ठाकरे से सफाई मांगने वाली है। इस विषय पर अगर शिवसेना ने अपनी चलाई तो महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार भी गिर सकती है। कांग्रेस और एनसीपी शिवसेना से अपना समर्थन वापस ले सकती है।