जब भी हम किसी सफर में जाने या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने की सोचते है सबसे पहले हमारे जहन में भारतीय रेलवे का ख्याल आता है। हालांकि कई रेल दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं पर इसके बाद भी रेलवे ही हमारे लिए बाकी ट्रांसपोर्ट विकल्प से बेहतर, किफायती और सुरक्षित साबित होती है। एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए, या रोजाना नौकरी पर जाने के लिए तथा देश में कही भी जाना हो तो रेलवे के माध्यम से आज लाखों लोग प्रतिदिन इसके सफर का आनंद लेते हैं। जिस प्रकार देश भर में कुछ सालों से स्वच्छता अभियान चल रहा है उसी को ध्यान में रखते हुए अब रेलवे ने भी अपने रेल की स्वच्छता का ध्यान रखना शुरू कर दिया है।
इस रेल स्वच्छता अभियान के अंतर्गत गत वर्ष 2018 में भारतीय रेलवे की एनवायरमेंट एंड हाउसकीपिंग मैनेजमेंट शाखा द्वारा “ट्रेन क्लीनलीनेस सर्वे 2018” का आयोजन किया गया था। जिसे दो श्रेणियों में विभाजित किया गया था। पहला ट्रेन में शौचालयों की सफाई व दूसरा कोच की सफाई जैसे मापदंडो पर रेटिंग करना था।
इस सर्वेक्षण में कुल 215 ट्रेनो का सर्वे किया गया था जिसमे देश की 77 प्रीमियम ट्रेन इस सर्वे में खरी उतरी वही तीन दुरंतो ट्रेन में सबसे ज्यादा गंदगी पायी गयी है। 23 राजधानी ट्रेनों में मुंबई नई दिल्ली ट्रेन पर यात्रियों ने सबसे ज्यादा स्वच्छ होने की मुहर लगाई है।
इस पूरे सर्वे में रेलवे की एनवायरमेंट एंड हाउसकीपिंग मैनेजमेंट शाखा ने इस सर्वे के लिए प्रोसेस ऑडिट, डायरेक्ट ऑडिट और यात्रियों के फीडबैक को आधार बनाया था। केंद्र सरकार के प्रवक्ता द्वारा इस बाबत यह कहा गया कि इस सर्वेक्षण के तौर तरीक़ों को लेकर कुछ मसले हैं इसलिए सरकार द्वारा अभी तक इस सर्वे को सार्वजनिक नहीं किया गया है।