महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बीच चल रहा विवाद अब थमता नज़र आ रहा है। खबर है की शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने की ओर है। गुरुवार को तीनों दलों के नेताओं ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा के लिए बैठक की। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने पीटीआई-भाषा को बताया कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम को अंतिम रूप देने से पहले तीनों दलों के वरिष्ठ नेताओं को मसौदे को स्वीकृति देनी होगी।
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की इस बैठक में कई अहम बातों पर चर्चा हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना को मुस्लिमों को शिक्षा के क्षेत्र में 5% आरक्षण देने के लिए राजी कर लिया है। यह योजना पूर्ववर्ती कांग्रेस और एनसीपी सरकार के कार्यकाल में शुरु की गई थी, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही इसे लागू नहीं किया गया था।
ऐसे में अगर शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन वाली सरकार बनती है तो ये योजना फिर से लागू की जाएगी। इसके साथ ही न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत शिवसेना, वीर सावरकर को भारत रत्न देने की अपनी मांग से भी पीछे हट सकती है। हालांकि तीनों दलों के बीच हुए समझौते में हिंदुत्व के मुद्दे को शामिल नहीं किया गया है। सीएमपी पर किसानों और युवाओं से जुड़े मामलों पर फोकस करने पर भी सहमति बनी है।
खबर यह भी आ रही है की सरकार गठन को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच बात लगभग अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। बताया जा रहा है कि 17 नवंबर को राज्य में सरकार बनाने का एलान किया जा सकता है क्योंकि इसी दिन बाल ठाकरे की पुण्यतिथि है।