कुछ साल पहले तक पश्चिम बंगाल में भाजपा की कोई जमीन नहीं थी और वहां के वोटर आमतौर पर वाम दल, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस को वोट करते थे। पर पिछले कुछ सालों में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में ज़मीनी स्तर बहुत काम किया है जिसका फल अब भाजपा को व्यापक रूप से मिलता हुआ नजर आ रहा है। भाजपा ने वहां ना सिर्फ आम जनता को अपनी तरफ आकर्षित किया है बल्कि अन्य दलों के नेताओं को भी अपने पाले में करने के लिए वे कार्यरत रहते हैं।

इस लोकसभा चुनाव में सबसे दिलचस्प प्रतिद्वंदिता पश्चिम बंगाल में ही देखने को मिलेगी। इस बार यहां पर सीधा मुकाबला भाजपा और टीएमसी के बीच होता हुआ नजर आ रहा है। टीएमसी छोड़ कर भाजपा में शामिल होने वाले अर्जुन सिंह का कहना है कि उनके संपर्क में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लगभग 100 विधायक हैं जो भाजपा में शामिल होने को तैयार हैं।

हालांकि टीएमसी की तरफ से अर्जुन सिंह के इस बयान को ज्यादा तबज्जो नहीं दी जा रही है साथ ही टीएमसी की तरफ से उन्हें ये सुझाव भी दिया जा रहा है कि वे किसी चिकित्सक से मिलें। पर अर्जुन सिंह का कहना है की टीएमसी के करीब 100 विधायक नियमित तौर उनके संपर्क में हैं और भाजपा में शामिल होंगे। उन्होंने कहा की कुछ विधायक चुनाव पूर्व तो कुछ चुनाव के बाद भी भाजपा का दामन थामेंगे।

भाजपा अध्यक्ष और वर्तमान में राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह भी इस बाबत कह चुके हैं कि लोकसभा चुनावों में उनका लक्ष्य पश्चिम बंगाल में 22 से अधिक सीटें जीतना है और इसके लिए वह पूरी तरह से तैयार भी हैं। बता दें की पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में मतदान होना है। यहां 11-18-23-29 अप्रैल, 6-12-19 मई को वोट डाले जाने हैं।