पिछले साल गर्मी ने लोगो को बहुत परेशान किया था। बता दे की इस बार पड़ने वाली गर्मी पिछले साल से भी अधिक रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार इस बार गर्मी अपना रिकॉर्ड तोड़ देगी और ऐसा जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाला है। इस साल गर्मी ने अभी से ही अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। बता दें की दिल्ली-एनसीआर का तापमान अभी से ही सामान्य से ऊपर चल रहा है और धीरे धीरे इसके बढ़ने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

मौसम विभाग के अनुसार मई और जून के महीने के दौरान तेज लू भी चलेगी साथ ही यह भी बताया जा रहा है की मानसून भी इस बार जुलाई से पहले नहीं आने वाला है। दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि राज्य ‘कोर हीट वेव जोन’ के अंतर्गत आते है। इन राज्यों में अप्रैल से मई के मध्य सामान्य से ज्यादा तापमान अर्थात करीब 37 फीसदी रहने की संभावना बताई जा रही है। लेकिन पश्चिमी विक्षोभ आने के कारण इन राज्यों को बीच बीच में राहत मिलती रहती है परन्तु इस बार तो ऐसा होने की संभावनाएं भी बहुत कम है।

जानकारी दे दें कि मौसम विज्ञानियों के अनुसार भूमध्य रेखा के आसपास प्रशांत क्षेत्र में अल-नीनो का प्रभाव बना रहता है। जिसके कारण असामान्य रूप से प्रशांत महासागर में समुद्री सतह के तापमान में भी वृद्धि होती है। इस वजह से समस्त एशिया के मौसम पर असर होता है। इतना ही नहीं यह भारत में मानसूनी बारिश को भी प्रभावित करता है।

मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. के जे रमेश ने बताया कि मौसम की स्थिति में बदलाव नजर आ रहे हैं। सर्दी में इस बार न्यूनतम तापमान कम हुआ था अब गर्मी में अधिकतम तापमान बढ़ने की संभावनाएं हैं। साथ ही तेज लू भी चलेगी। यह सब जलवायु परिवर्तन के कारण ही होने वाला है।