स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताई गयी थी। अब इस जनसंख्या नियंत्रण की आवश्यकता पर पूर्व मंत्री और कॉंग्रेस के युवा प्रसिद्ध नेता जितिन प्रसाद ने भी ज़ोर दिया है। पीएम मोदी की बात को जितिन प्रसाद द्वारा समर्थन देने के बाद से कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मच गया है। उन्होंने कहा है कि देश में अब 2 बच्चों के मानक पर व्यापक बहस होना ज़रुरी है और सरकार को इस संबंध में कानून लेकर आना चाहिए, जिससे भावी पीढ़ी की मूलभूत आवश्यकताओं को सुनिश्चित किया जा सके।
देशहित का हवाला देते हुए जितिन प्रसाद ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय मुद्दा बताया। इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कॉंग्रेस के लोगों AICC के उस प्रस्ताव की याद दिलाई, जब कॉंग्रेस ने 1998 में पंचमढ़ी शिविर में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर व्यापक बहस और पॉलिसी निर्माण की बात कही थी। उस समय कॉंग्रेस द्वारा निर्णय लिया गया था कि 1 जनवरी 2000 के बाद से किसी भी कॉंग्रेस नेता के यदि 2 से अधिक बच्चे होते हैं तो इस स्थिति में उन्हें न तो पार्टी में कोई पद दिया जाएगा और न ही उन्हें चुनाव में टिकट मिलेगा।
It’s time to sensitise and make India aware of the need for Population control/stabilisation. It has been the part of @INCIndia Panchmarhi shivir sakalp to work towards the goal of the two child norm. #nationalinterest
— Jitin Prasada (@JitinPrasada) September 18, 2019
To start with Congress workers should mobilise 10 families to adopt population control measures based on the two child norm . #nationalinterest @INCIndia
— Jitin Prasada (@JitinPrasada) September 18, 2019
जितिन ने अपने ट्वीट में कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए लिखा कि, “शुरुआत में कॉंग्रेस कार्यकर्ता दो बच्चों के मानक पर जनसंख्या नियंत्रण उपायों को अपनाने के लिए 10 परिवारों को प्रेरित करें।”
बता दें कि इससे पहले जितिन प्रसाद ने इस संबंध में 1 सितंबर को भी ट्वीट किया था, उस ट्वीट में उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चर्चा कराने की बात कही की थी और अब एक बार फिर उन्होंने इसी मुद्दे को आगे बढ़ाया है।
इस संबंध में जितिन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि ये कहना गलत होगा कि जनसंख्या नियंत्रण पीएम मोदी का आइडिया है। इसके लिए 1998 में उनके वरिष्ठों ने सोचा था और डॉक्यूमेंट भी किया था।