ईसाई समुदाय में जनसंख्या की घटती हिस्सेदारी चिंता का विषय बन गई है। केरल के साइरो मालाबार चर्च ने इस विषय को चिंता जनक स्थिति बताया है। केरल के साइरो मालाबार चर्च ने इसका कारण 1,00,000 से अधिक पुरुषों का विवाहित न होना बताया है।
इस विषय को लेकर सभी चर्चों में आर्चबिशप का पत्र भी पढ़ा गया है। चंगन्चेरी आर्चडायोसीस के आर्चबिशप मार जोसेफ़ पेरुमतोट्टम ने पूरे ईसाई समाज को एक पत्र लिखा है। पिछले दिनों 6 अक्टूबर को साप्ताहिक रविवार ‘मास’ के उपरांत सभी चर्चों में पादरियों ने यह पत्र पढ़कर ईसाई समाज के लोगों को सुनाया है। इस पत्र में इस विषय के साथ, समाज की गिरती जन्म दर, बेरोज़गारी, कृषि संकट के बारे में जिक्र किया गया था। इस पत्र की माने तो पत्र में लिखे मुद्दे ईसाई समाज के अस्तित्व को खतरे में ले जा रहे हैं।
इस पत्र में बताया गया है कि जब केरल राज्य का निर्माण हुआ था तो हम लोग इस राज्य के दूसरे सबसे बड़े मज़हबी हुआ करते थे। परन्तु आज सिर्फ 18.38% बचे है। हमारी जन्मदर में 14% की गिरावट आई है। कई युवा ईसाई बच्चे माता पिता को अकेला छोड़कर राज्य से बाहर चले जाने पर भी पत्र में शोक व्यक्त किया गया है।
पत्र पढ़ने के बाद चर्च ने निर्णय लिया है कि समाज की समस्या पर एक पाठ्यपुस्तक का निर्माण किया जाएगा। इन सभी मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने के लिए एक शिक्षण समिति का निर्माण भी किया जायेगा। चर्च के अनुसार "इसके अलावा उन्हें एक हेलो डेस्क बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की जानकारी दी जाएगी। यह योजना आर्चडायोसीस के अंतर्गत आने वाले एक-एक चर्च और स्कूल पर लागू होगी।"