देश में अभी लोकसभा चुनाव का मतदान कुछ दिनों पहले पूरा हुआ है और विपक्ष समेत सभी राजनैतिक पार्टी ने EVM मशीन पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। इसी को लेकर विपक्ष के नेता चंद्रबाबू नायडू, अखिलेश यादव, के सी वेणुगोपाल, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, सतीश चंद्र मिश्र सहित विपक्ष के लगभग 20 नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमे विपक्ष द्वारा मांग की गई थी कि EVM-VVPAT का मिलान 50% होना चाहिए। यह याचिका विपक्ष ने EVM मशीन के कारण चुनाव में होने वाली गड़बड़ी को ध्यान में रखते हुए दायर की थी। परन्तु सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया था।
हाल ही में एक NGO द्वारा फिर से इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमे NGO द्वारा EVM-VVPAT के 100% मिलान की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते समय इसे बकवास बताया और कहा “एक ही मांग बार-बार नहीं सुन सकते, लोग अपनी सरकार चुनते हैं, कोर्ट इसके आड़े नहीं आएगा।”
जानकारी दे दें कि कुछ दिनों पहले हुए विधानसभा चुनाव से लेकर उपचुनाव तक में EVM में गड़बड़ी होने की शिकायत की गई थी और इन गड़बड़ियों के चलते देश की राजनैतिक पार्टियों ने लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से करवाने की मांग की थी। EVM को किस तरह हैक किया जा सकता है उसका डेमो भी कई राजनैतिक पार्टियों ने सदन में दिखाने का प्रयास किया था। जिसे चुनाव आयोग ने गलत ठहराते हुए कहा "हर चुनाव निष्पक्ष तरीके से हुआ और आगे भी होगा और EVM में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं है और ना ही उसे हैक किया जा सकता है।"