भारतीय बैंकों के साथ फर्जीवाड़ा कर के भाग कर ब्रिटेन चले गए भगोड़े शराब व्यापारी विजय माल्या को वापस भारत लाने में आने वाले रोड़े कम होते नजर आ रहे है। भारतीय बैंको से नौ हजार करोड़ रूपये कर्ज लेकर ब्रिटेन भागे विजय माल्या को भारत लाने की उम्मीद अब बढ़ती नजर आ रही है। ब्रिटिश सरकार ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। ब्रिटिश गृहमंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार गृह मंत्री साजिद जावेद ने विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए है। ब्रिटिश सरकार के इस फैसले से भारत सरकार ने खुश होकर इस फैसले का स्वागत किया है।

गृह मंत्री के फैसले के बाद माल्या ने ट्वीट करते हुए लिखा की, ''निचली अदालत के 10 दिसंबर, 2018 के फैसले के बाद ही मैंने अपील करने का इरादा बना लिया था लेकिन गृह मंत्री के फ़ैसले के पहले मैं अपील की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकता था, अब मैं अपील की कार्रवाई करूंगा।''

अगर शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत सरकार भारत लाने में कामयाब हो जाती है तो ये भारत सरकार के लिए एक बहुत बड़ी जीत होगी क्योंकि ब्रिटेन सरकार के प्रत्यर्पण सम्बन्धित कानून विश्व में सबसे कठोर माने जाते है। ऐसे में कोई भी अपराधी अगर ब्रिटेन जाकर शरण ले लेता है तो उसे वापस भारत लाने में भारत सरकार को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

ब्रिटिश सरकार की ओर से माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर ट्वीट करते हुए करारा हमला किया उन्होंने कहा कि मोदी सरकार माल्या को भारत लाने के रास्ते में एक और कदम आगे बढ़ चुकी है ये तो सभी जानते ही है की मोदी सरकार देश को ठगने वालो के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है ऐसे में मोदी सरकार चाहे विजय माल्या हो या नीरव मोदी किसी पर भी रियायत नही बरतने वाली वहीं एक तरफ विपक्ष है जो शारदा चिटफंड के घोटालेबाजों को बचाने के लिए ममता बनर्जी के साथ धरने पर उतर रहा है।