डीआरडीओ (DRDO) और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा गोवा में तट आधारित परीक्षण सुविधा में हल्‍के लड़ाकू एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस (नौसेना) की पहली बार सफलतापूर्वक लैंडिंग कराई गई। यह विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर संचालित किए जाने वाले विमान की दिशा में एक बहुत ही महत्‍वपूर्ण कदम है। नौसेना इस कदम से और भी मजबूत होगी। इस विमान की प्रमुख विशेषता है कि यह बहुत ही कम दूरी में रुकने की क्षमता रखती है, जहां उतरने के लिए बहुत कम जगह हो।

भारत में तेजस ऐसा पहला विमान है जो ऐसी परिस्थितियों में सफलतापूर्वक लैंडिंग करने के लिए तैयार किया गया है। इस विमान को नौसेना की सेवा के लिए जेट के रूप में निर्मित किया गया है।

हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड के बनाए स्वदेशी जेट विमान एलसीए तेजस को शीघ्र ही एयर शो में फाइनल ऑपरेशन क्लीयरेंस देकर वायुसेना में सम्मिलित किया गया था। यह विमान हवा में एक विमान से दूसरे विमान में ईंधन भर लेने में सक्षम है साथ ही यह हवा से जमीन पर सटीक वार भी कर सकता है।

एचएएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि इस साल के अंत तक 16 और तेजस विमान तैयार करके वायुसेना को सौंपे दिए जाएंगे। अगले साल इसके अतिरिक्त 4 अन्य विमान बनकर तैयार हों जायेंगे।