पश्चिम बंगाल के मिशनरी स्कूल में छात्राओं को लेगिंग उतारने पर किया गया मजबूर

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Punctured Satire
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पश्चिम बंगाल के मिशनरी स्कूल में छात्राओं को लेगिंग उतारने पर किया गया मजबूर

ठंड शुरू हो चुकी है और इससे सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों को होती है। सुबह स्कूल जाने के समय लड़कियाँ स्वेटर और लेगिंस पहनती है। पर क्या होगा जब स्कूल प्रशासन इतनी ठंड में सुबह सुबह लड़कियों से पहनी हुई लेगिंस उतरवा ले तो?

ऐसा ही कुछ हुआ पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में शांतिनिकेतन के पास एक मिशनरी स्कूल में। स्कूल प्रशासन ने स्कूल में ठंड के कारण लड़कियों द्वारा पहनी गई लेगिंस उतरवा दी है। स्कूल प्रशासन का कहना है कि युनिफ़ॉर्म के रंग से मेल न खाने वाली लेगिंस को उतरवाया है।

घटना के दूसरे दिन जब बच्चों के माता पिता को इस घटना की जानकारी मिली तब अभिभावकों ने स्कूल पहुँचकर इसका विरोध किया। अभिभावकों ने आरोप लगाते हुए कहा "सोमवार को पांच से नौ वर्ष की बच्चियां सुबह ठंड होने के कारण स्कूल लेगिंस पहनकर गई थीं लेकिन प्रधानाचार्य और अन्य शिक्षकों ने उसकी यूनिफार्म से मेल ना खाने के कारण उसे उतरवा दिया।" एक छात्रा के पिता ने बताया कि "मेरी बेटी सोमवार दोपहर जब वापस आई तो मैंने देखा कि उसने लेगिंग्स नहीं पहनी है। पूछने पर उसने बताया कि शिक्षक ने उसे उतरवा दिए।"

इस पूरे वाकये पर स्कूल प्रशासन ने अपना बचाव करते हुए कहा "यह छात्राओं को अपनी लेगिंग्स उतारने के लिए मजबूर करने की घटना नहीं थी। छात्राओं को केवल लेगिंग्स देने को कहा गया था क्योंकि वे स्कूल की वर्दी से मेल नहीं खा रही थी।" एक अन्य शिक्षिका ने बताया "छात्राओं को केवल लेगिंग्स उतारने के लिए कहा गया था, किसी के साथ ज़बरदस्ती नहीं की गई।"

पूरा मामला जब पश्चिम बंगाल शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के संज्ञान में आया तो उन्होंने अपना बयान देते हुए कहा "जिला शिक्षा विभाग से भी स्कूल अधिकारियों से इसपर रिपोर्ट मांगने को कहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद मैं सुनिश्चित करूंगा कि उचित कार्रवाई की जाए। हम आईसीएसई बोर्ड से भी इस संबंध में बात करेंगे।"

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