मुंबई पुलिस ने स्थानीय अदालत को बताया है कि उनके पास अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा दर्ज कराए गए छेड़छाड़ मामले में अभिनेता नाना पाटेकर के खिलाफ मुकदमा चलाने का कोई सबूत नहीं है। पुलिस उपायुक्त परमजीत सिंह दहिया ने पीटीआई को बताया की उपनगरीय ओशिवारा पुलिस ने बुधवार को अंधेरी में स्थित एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने 'बी समरी' रिपोर्ट दायर की।
बता दें की एक 'बी समरी' रिपोर्ट तब दायर की जाती है जब पुलिस को आरोप पत्र दाखिल करने और मुकदमे की सुनवाई के लिए आरोपी व्यक्ति के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलता है।
गौरतलब है की अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने अक्टूबर 2018 में अभिनेता नाना पाटेकर के खिलाफ शिकायत दर्ज किया था जिसमें उन्होंने 2008 में फिल्म हॉर्न ओके प्लीज के सेट पर एक गाने की शूटिंग के दौरान उनके साथ उत्पीड़न और दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि गाने के सीक्वेंस की शूटिंग के दौरान, पाटेकर ने अनुचित ढंग से उन्हें तब भी छुआ, जब तक कि उसने स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख नहीं किया था कि वे भद्दी, अश्लील या असहज हरकत नहीं करेगी।
तनुश्री के वकील, नितिन सतपुते ने एक बयान में कहा कि उन्हें तनुश्री दत्ता की ओर से पुलिस से अपराध (समरी रिपोर्ट) के वर्गीकरण के बारे में ओशिवारा पुलिस स्टेशन से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा, "यदि पुलिस समरी रिपोर्ट के किसी भी बी या सी वर्गीकरण को दर्ज करती है, जो अंतिम नहीं हो सकती है, तो हम अदालत के समक्ष विरोध कर सकते हैं और सुनवाई के बाद अगर अदालत संतुष्ट होती है तो फिर से पुलिस को पुनर्निवेश या आगे की जांच के लिए निर्देशित किया जा सकता है।
बता दें की इस पूरी घटना में नाना पाटेकर के खिलाफ अपने मूल बयान में, तनुश्री ने कहा था, “हर कोई नाना पाटेकर के बारे में जानता है कि वह हमेशा महिलाओं के प्रति अपमानजनक रहे हैं। इंडस्ट्री में लोग उनकी पृष्ठभूमि के बारे में जानते हैं... कि उन्होंने अभिनेत्रियों को पीटा है, उन्होंने उनके साथ छेड़छाड़ की है, महिलाओं के साथ उनका व्यवहार हमेशा बुरा रहा है, लेकिन किसी भी प्रकाशन ने इसके बारे में कुछ भी नहीं छापा है,'' ये सब उन्होंने जूम नामक एंटरटेनमेंट चैनल को बताया था।