Directorate General of Civil Aviation ने सोमवार को सभी विमानों में एप्पल मैकबुक प्रो को यात्रा के दौरान यात्रियों को ले जाने से प्रतिबंधित कर दिया है। एप्पल मैकबुक प्रो बैटरी ओवर हीटिंग के कारण आग पकड़ने जैसी बड़ी घटना न हो जाए इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से DGCA ने इसे यात्रा के दौरान विमान में लाने पर बैन कर दिया है। DGCA का यह बयान एप्पल के दिए एक महत्वपूर्ण बयान के बाद आया है।
दरअसल 20 जून 2019 को एप्पल ने एक बयान दिया था जिसमे उसने कहा कि "कंपनी उन 15 इंच वाले सभी मैकबुक प्रो लैपटॉप्स को वापस ले रही है, जो सितंबर 2015 से फरवरी 2017 के बीच बेचे गए थे। इन्हें प्रोडक्ट सीरियल नंबर के जरिए पहचाना जा सकता है।" बेचे गए लैपटॉप्स में लगी हुई बैटरी में ओवरहीटिंग की समस्या है और इससे बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है। हमारी प्राथमिकता ग्राहक की सुरक्षा है। इसलिए इस 15 इंच वाले मैकबुक प्रो लैपटॉप्स का ग्राहक उपयोग करना बंद कर देवे और वे फ्री में इसकी बैटरी भी बदलवा सकते है।
Directorate General of Civil Aviation के चीफ अरुण कुमार ने कहा कि पुराने समय के एप्पल मैकबुक प्रो में बैटरी ओवर हीटिंग की समस्या है और इसे विमान में ले जाने से कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से एप्पल मैकबुक प्रो को हाथ में ले जाना या चेक इन बैगेज दोनों में वर्जित है। यह नियम तब तक लागू रहेगा जब तक बैटरी वेरिफाइड या कंपनी द्वारा रिप्लेस न हो जाए।
जानकारी दे दें कि यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी और अमेरिकन फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन सभी एयरलाइंस कंपनियों से इस विषय पर कार्यवाही करने का निवेदन किया था। जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय विमान कंपनियों ने मैकबुक प्रो लैपटॉप्स ले जाने पर बैन लगा दिया है। सिंगापुर एयरलाइंस ने तो अपनी वेबसाइट पर एक नोटिस जारी करते हुए कहा कि "यात्री एपल मैकबुक प्रो को हैंडबैग या चेक इन बैक में लेकर यात्रा नहीं कर सकते। जब तक इसकी बैटरी को बदला या सुरक्षित घोषित नहीं किया जाता, तब तक यह बैन प्रभावी रहेगा।"