संसद में शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। इस सत्र में मोदी सरकार कई नए प्रस्ताव पारित करने वाली है। जिनमे नागरिक संसोधन बिल और SC/ST को मिलने वाला आरक्षण 10 वर्षों के लिए बढ़ाये जाने का विधेयक अहम है। इसके साथ और कई अन्य प्रस्ताव भी हैं जिन्हे संसद में पारित किया जाने वाला है।

ऐसा ही एक प्रस्ताव लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने भी सभी सांसदों के समक्ष रखा था। इस प्रस्ताव में ओम बिड़ला ने संसद में मिलने वाले खाने पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म करने की बात कही थी। जिस पर सभी पार्टियों के सांसदों ने समर्थन किया है। अब इसे जल्द ही खत्म किया जा सकेगा। संसद में अब सांसदों को कैंटीन में जो खाने की लागत होती है उसके हिसाब से पैसा देना होगा।

अगर संसद में कैंटीन पर से सब्सिडी को हटा दिया जाता है तो सरकार की 17 करोड़ रुपये सालाना की बचत होगी। ग़ौरतलब है कि पिछली लोकसभा में कैंटीन के खाने का दाम बढाकर सब्सिडी को कम किया गया था और अब इसे सरकार पूरी तरह से ख़त्म करने वाली है।

बहरहाल जब जेएनयू के छात्र हॉस्टल फीस में बढ़ोत्तरी को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे तब छात्रों ने इस बात को भी उठाया था। उन्होंने मांग की थी कि जब पढ़ाई करने के लिए सब्सिडी नहीं मिलती तो सांसदों खाने में सब्सिडी क्यों मिल रही है।