लक्ष्मी निवास मित्तल को आज पूरी दुनिया जानती है। दुनिया लक्ष्मी निवास मित्तल को स्टील किंग के नाम से भी जानती है। लेकिन क्या आप जानते है की स्टील किंग कहे जाने वाले इस शख्स को जीवन में किन किन चुनोतियो का सामना करना पड़ा? चलिए आपको बताते है लक्ष्मी निवास मित्तल के इस प्रेरणादायक सफर के बारे में।
लक्ष्मी निवास मित्तल सादुलपुर, राजस्थान में जन्मे है। वह मारवाड़ी व्यापारियों में से एक है। उन्हें अन्य हिन्दुस्तानियों की ही तरह व्यापार करने के लिए अधिग्रहण का सहारा लेना पड़ा। एक समय था जब अधिग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता था।
ऐसा कहा जाता है कि अधिग्रहण करने की मारवाड़ी अवधारणा को लक्ष्मी निवास मित्तल ने ख़त्म किया था। फोर्ब्स मैगजीन को 2006 में दिए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि अपने कारोबार के शुरूआती सालों में उन्हें यह अनुभव हो गया था कि किसी स्टील प्लांट की शुरुआत कर उसे बड़ा बनाने हेतु एक जिंदगी काफी नहीं है। उनके इरादे तब फौलादी हो गए जब उन्होंने इंडोनेशिया में पहला स्टील प्लांट बनाया था और उसके बाद उन्होंने एक एक करके दुनिया भर में स्टील कंपनियां ख़रीद ली। आर्सेलर कंपनी को खरीदते समय उनकी व्यापारिक सफलता चरम सीमा पर थी। लक्ष्मी निवास मित्तल के ऐसा करने से दुनिया भर की स्टील कंपनियों में उथल पुथल मच गयी थी।
लक्ष्मी निवास मित्तल का जादू दुनिया भर में तो चला लेकिन भारत में उनके पैर जम नहीं सके। वह पिछले एक दशक से ही हिंदुस्तान में अपने पैर ज़माने का प्रयास कर रहे हैं परन्तु कामयाबी उनके हाथ नहीं लग रही है।
बता दें कि जब एस्सार स्टील दिवालिया हो कर बाज़ार में बिकने के लिए आई तो आर्सेलर मित्तल ने भी बोली लगाई। परन्तु कुछ कारणों से सरकार ने उनकी बोली को खारिज कर दिया। मित्तल पहले ओडिशा और झारखंड में स्टील प्लांट लगाने का प्रयास कर रहे थे परन्तु कई परेशानियों के चलते वह दोनों प्लांट शुरू नहीं हो पाए। इन सब परेशानियों से तंग आकर उन्होंने कहा कि उनके लिए भारत प्राथमिक देश है।
कुछ समय बीतने के बाद लक्ष्मी निवास मित्तल का एक और बयान आया कि भारत एक बढ़ता हुआ मार्केट है इसलिए वह इसमें उतरना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत उनका मुल्क है उन्हें देश से एक भावनात्मक लगाव भी है।
बता दें कि विश्व में स्टील के उत्पादन में भारत का तीसरा स्थान है। इसमें चीन पहले नंबर पर और जापान दूसरे नंबर पर हैं।
जानकारी दे दें कि लक्ष्मी निवास मित्तल को ‘स्टील डॉक्टर’ भी कहते हैं, उन्हें ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि वह उन कंपनियों को खरीदते हैं जो मरणासन्न हो चुकी होती हैं और उसके बाद उन कंपनियों का प्रबंधन करके उन्हें मुनाफ़े में लाते हैं। लक्ष्मी निवास मित्तल की विश्व के कुल स्टील उत्पादन में 10 फीसदी की हिस्सेदारी है। आर्सेलर मित्तल का सालाना टर्नओवर ही करीब साढ़े चार लाख करोड़ रूपये का है।
लक्ष्मी निवास मित्तल वह व्यक्ति हैं जिन्होंने स्टील सेक्टर में कई कंपनियों को एक साथ मिलाकर एक करने की नींव रखी। वह उन भारतीयों में से भी हैं जिन्होंने पहले-पहल मल्टीनेशनल स्टील कंपनी का निर्माण किया।