आम चुनावों के संपन्न हो जाने के बाद ईवीएम से छेड़खानी की शंका के चलते स्ट्रॉन्ग रूमस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मतगणना स्थलों पर ईवीएम पहुंचाने में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर उत्तर प्रदेश के मेरठ में सपा और बसपा कार्यकर्ताओं ने स्ट्रांग रूम के बाहर ही तंबू लगाकर निगरानी शुरू कर दी है। इन तंबुओं में 24 घंटे कार्यकर्ता दूरबीन और कैमरों की सहायता से स्ट्रांग रूम की निगरानी कर रहे हैं।

विपक्षी पार्टियों ने जब ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल उठाये तो चुनाव आयोग ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि स्ट्रांग रूम में सभी ईवीएम और वीवीपैट मशीनें कड़ी सुरक्षा में रखी गई हैं।

मंगलवार से चुनाव आयोग के दिल्ली स्थित मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम ने ईवीएम से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण के लिए काम करना शुरू कर दिया है। आयोग के अनुसार यह कंट्रोल रूम चुनाव परिणामों के आने तक 24 घंटे कार्य करता रहेगा। इसके द्वारा ईवीएम से जुड़ी शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही की जायेगी। 23 मई को सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो जायेगी।

ईवीएम मशीनों को बदलने के आरोप का आयोग पहले ही खंडन कर चुका है। आयोग के अनुसार इस तरह की शिकायतों में कोई तथ्य नही है। जब इस तरह की शिकायतों की संख्या बढ़ने लगी तो आयोग ने इसके लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी। अब ईवीएम और वीवीपैट से जुड़ी किसी भी शिकायत पर तुरंत सुनवाई और निपटान किया जाएगा। स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षा के मद्देनज़र सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। इनसे ईवीएम और वीवीपैट मशीनों पर 24 घंटे नज़र रखी जाएगी।

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, चंदौली, झांसी और डुमरियागंज में EVM मशीनों को मतगणना केंद्र तक ले जाने और उनके रखरखाव में गड़बड़ी की शिकायत के चलते चुनाव आयोग ने सम्बद्ध जिला निर्वाचन अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। जांच में यह तथ्य सामने आया कि जिन EVM मशीनों को लेकर शिकायत की गई थी वे मशीनें रिज़र्व थीं तथा उन्हें मतदान में प्रयोग नही किया गया था।

चुनाव आयोग ने टीवी और सोशल मीडिया पर EVM में गड़बड़ी की खबरों का खंडन किया है। आयोग ने कहा कि दिखाई गई EVM मशीनें मतदान में प्रयुक्त मशीनें नही हैं। आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदान के बाद ईवीएम और वीवीपेट मशीनों को सील करके मतगणना केंद्रों पर स्ट्रॉन्ग रूम में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है।