राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले, कमलेश तिवारी की हत्या और जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने जैसे कई मुद्दों पर हमेशा पर भड़काऊ टिप्पणी करने वाले दिल्ली के रहने वाले कथित पत्रकार सोहराब अली (Sohrab Ali) को हाल ही में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। सोहराब के खिलाफ सोशल मीडिया पर बहुत सारी शिकायतें आये दिन पुलिस को मिल रही थी। पिछले दिनों आखिरकार पुलिस ने सोहराब को गिरफ्तार किया। पुलिस द्वारा सोहराब से की गई पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे आमने आये हैं।
पुलिस पूछताछ में सोहराब ने की तरफ से यह खुलासा हुआ है की वह कोई पत्रकार नहीं है बल्कि दिल्ली में एक कोचिंग चलाता है। उसके अनुसार अपने ट्विटर प्रोफाइल के बायो में उसने एक डरा हुआ पत्रकार सिर्फ लोगों को गुमराह करने के लिए लिखा हुआ था।
सोहराब ने पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में यह भी स्वीकार किया कि वह कई फर्जी ट्विटर अकाउंट चलाता था जिनमें मुख्य अकाउंट समेत 8 बेहद सक्रिय थे। इन फर्जी ट्विटर अकाउंट का उपयोग वह लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए करता था।
उसने पुलिस को बताया कि दूरस्थ शिक्षा माध्यम से समाजशास्त्र में उसने एमबीए किया है और वर्तमान में दिल्ली में ही कोचिंग चलाता है। बता दें की सोहराब से प्रभावित कई छात्रों ने उसकी गिरफ्तारी के बाद ट्विटर पर रिलीज सोहराब अली नाम से ट्रेंड भी चलाया था।
गौरतलब है की अली सोहराब को 16 नवंबर को हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 19 नवंबर को विशेष सीजेएम कस्टम सुदेश कुमार ने सोहराब 48 घंटे की रिमांड मंजूर की थी। गौरतलब है की सोहराब के ट्विटर अकाउंट पर 1 लाख 61 हजार से ज्यादा फॉलोवर हैं और इन सभी के बीच यह भड़काऊ पोस्ट करके लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश करता था।