मुख्यमंत्री पद की लालच में शिवसेना ने अपनी हिंदुत्ववादी विचारधारा को ताक पर रखते हुए विरोधी विचारधारा वाले कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। शिवसेना सुप्रीमों उद्धव ठाकरे के इस निर्णय से कई शिवसैनिक भी नाराज हैं। इन्हीं में से एक शिवसेना नेता ने अपना इस्तीफ़ा भी दे दिया है।
शिवसेना के पदाधिकारी रमेश सोलंकी ने पार्टी के विचारधारा से भटक जाने के कारण का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने अपनी बातें सोशल मीडिया साइट पर भी रखी हैं।
ट्विटर पर एक के बाद एक कई ट्वीट कर के रमेश सोलंकी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा "मेरा इस्तीफा, मैं बीवीएस / युवासेना में अपने सम्मानित पद से इस्तीफ़ा दे रहा हूं। मैं उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे का शुक्रिया अदा करता हूँ कि उन्होंने मुंबई, महाराष्ट्र और हिंदुस्तान के लोगों के लिए काम और सेवा करने का अवसर दिया।"
My Resignation
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
I am resigning from my respected post in BVS/YuvaSena and @ShivSena
I thank @OfficeofUT and Adibhai @AUThackeray for giving me opportunity to work and serve the people of Mumbai, Maharashtra and Hindustan pic.twitter.com/I0uIf13Ed2
उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा की "यह सब मेरे लिए साल 1992 में श्री बाला साहेब के निर्भीक नेतृत्व और करिश्मा की छत्रछाया में शुरू हुआ।12 साल की उम्र में मैंने बालासाहेब की शिवसेना के लिए काम करने के लिए अपना दिल और आत्मा दे दिया। आधिकारिक रूप से वर्ष 1998 में मैं शिवसेना में शामिल हुआ और तब से बालासाहेब के हिंदुत्व की विचारधारा के साथ विभिन्न पदों पर अपनी क्षमताओं के साथ काम करते हुए हमने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। कई बीएमसी / विधानसभा / लोकसभा चुनाव आदि में केवल एक सपने और एक उद्देश्य के साथ काम किया है हिन्दू राष्ट्र और कांग्रेस मुक्त भारत।"
and since then have been working in various posts and capacities following the Hindutva ideology of BalaSaheb
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
Have seen many ups and downs
Have seen n worked in many elections BMC/VidhanSabha/LokSabha etc with only one dream and one aim #HinduRashtra and #CongressMuktBharat
उन्होंने आगे लिखा की "लगभग 21 साल हो गए। किसी भी पद या टिकट की मांग नहीं की। दिन और रात मैंने पार्टी के आदेशों का पालन करने में बिताया। शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने और शिवसेना सीएम बनने के लिए बधाई और शुभकामनाएं। लेकिन मेरी आत्मा और विचारधारा मुझे कांग्रेस के साथ काम करने की अनुमति नहीं देती है। मैं आधे मन से काम कर सकता हूं और यह मेरे पद, मेरी पार्टी मेरे साथी शिवसैनिक और मेरे नेता के लिए उचित नहीं होगा।"
Congratulations and all the best for forming govt in Maharashtra and having ShivSena CM
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
But my conscious and ideology doesnt permit me to work with Congress, I cant work half heartedly and it wont be fair to my post, my party my fellow ShivSainiks and my leaders
अपने आखिरी ट्वीट में उन्होंने लिखा की "मैं बहुत भारी मन के साथ पार्टी से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ। एक कहावत है कि जब जहाज डूबता है तो सबसे पहले चूहे भागते हैं लेकिन मैं बुलंदियों पर पार्टी को छोड़ कर जा रहा हूँ। मैं तब छोड़ कर जा रहा हूँ जब पार्टी सरकार बनाने वाली है। मैं अपने आदर्शों और विचारधारा को साथ लेकर पार्टी से निकल रहा हूँ।"
Since last few days people are asking my stand
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
Let me be very loud and clear
" जो मेरे श्री राम का नहीं है ( Congress )
वो मेरे किसी काम का नहीं है "
I once again thank Adibhai for giving me love and respect, it was wonderful experience working with you #JaiSriRam pic.twitter.com/v9n8IssWzP
सोशल मीडिया पर शिवसेना नेता के इस कदम की खूब तारीफ हो रही है।