9 नवम्बर को महाराष्ट्र सरकार का कार्यकाल खत्म हो चूका है। कार्यकाल खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। अब नई सरकार बनाने के लिए शिवसेना तैयारी कर रही है इसके लिए शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस की मदद भी लेने को तैयार है। परन्तु एनसीपी और कांग्रेस ने गठबंधन करने से पहले शर्त रखी है कि उन्हें एनडीए से अलग होना पड़ेगा।
शर्त के बाद भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री अरविन्द सावंत ने आज सुबह ट्वीट करके मंत्री पद छोड़ने की घोषणा कर दी है। शिवसेना के प्रवक्ता ने भी अपने बयान में कहा कि "भाजपा विपक्ष में बैठने को तैयार हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद नहीं बांटेगी। ये उनका अहंकार है। उधर, कांग्रेस-राकांपा और भाजपा ने कोर कमेटी की बैठकें बुलाई हैं।"
शिवसेनेची बाजू सत्याची आहे. अशा खोट्या वातावरणात दिल्लीतील सरकार मध्ये तरी का रहायचे?
— Arvind Sawant (@AGSawant) November 11, 2019
आणि म्हणूनच मी केंद्रीय मंत्री पदाचा राजीनामा देत आहे. या संदर्भात आज सकाळी ११.०० वा. दिल्ली येथे मी पत्रकार परिषद (Press Conference) घेणार आहे.
सूत्रों की माने तो अब शिवसेना की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा बदल चूका है। अब शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने की संभावना है। वही दूसरी और एनसीपी को उप मुख्यमंत्री का पद मिलने संभावना है और कांग्रेस को महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर पद देने की संभावना है। महराष्ट्र के राज्यपाल ने शिवसेना को संख्याबल बताने के लिए आज शाम 7:30 बजे तक का समय दिया है।
संजय राउत ने अपने बयान में कहा कि "भाजपा ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद बांटने के लिए तैयार नहीं है। वे किसी भी हालत में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद नहीं देंगे। चाहे उन्हें विपक्ष में ही क्यों न बैठना पड़े। इस व्यवहार को जनता के साथ धोखा कहा जाएगा या नहीं। भाजपा मानने के लिए ही तैयार नहीं तो कौन सा रिश्ता रहता है हमारा। हमसे पूछा तक नहीं गया। यह रिश्ता औपचारिकता रह गया। हमारे केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत उद्धव ठाकरे के आदेश पर केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ देने का फैसला लिया है।'"