हिन्दुओंं के लिए कुम्भ एक पवित्र पर्व की तरह होता है, इस वर्ष यह गंगा नदी के किनारे संगम तट पर लगा है।गंगा हमारे लिए अपनी माँ के समान है और गंगा में डुबकी लगाना हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक है। पर कुछ नेता अपने बयानों से लोगों की आस्था पर भी चोट करने से नहीं चूकते हैं। कुछ ऐसी ही चोट कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी किया है।

योगी आदित्यनाथ जी के मन में साधु संतों के प्रति कितना आदर, प्यार और श्रद्धा है इसका पता तो प्रयागराज में चल रहे कुम्भ में इन्तेज़ामात को देखकर ही लगाया जा सकता है। उन्होंने साधू-संतो की आवभगत में किसी भी तरह की कोई कमी नही छोड़ी है। प्रयागराज में कुम्भ का आनंद लेने वाला हर इंसान इस बात को बखूबी मान रहा है। पर कुछ विपक्षी नेताओं को इस पवित्र कार्य में भी पाप ही नजर आता है आइये आपको पूरे वाकये से अवगत कराए।

दरअसल हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल के साथ गंगा के पवित्र संगम में डुबकी लगाई। उनके इस फोटो पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्विट करते हुए लिखा, 'गंगा भी स्वच्छ रखनी है और पाप भी यहीं धोने हैं। इस संगम में सब नंगे हैं! जय गंगा मैया की!'

अब बताइए शशि थरूर के इस ट्वीट से क्या अंदाजा लगाया जाये? आखिर वो अपने इस ट्वीट में इस्तेमाल किये गए शब्दों से अपनी किन भावनाओं को व्यक्त करना चाहते हैं?

शशि थरूर जी को अगर आपको गंगा को स्वच्छ रखने का इतना ही ख्याल है तो प्रियंका गांधी भी कुंभ के दौराम मां गंगा में स्नान करके अपने पापो को धोकर अपने अभियान की शुरुआत करने आ रही है तो सबसे पहले उन्हें अपनी पार्टी के लोगो को गंगा में डुबकी लगाने से रोकना चाहिए। थरूर के ट्वीट पर अगर गौर किया जाये तो उन्होंने इसमें ‘संत समाज को पापी’ कहा है और साथ ही ‘हमाम में सब नंगे हैं’ को “संगम में सब नंगे हैं” के तौर पर प्रयोग कर भी हिन्दू भावनाओं को चोट पहुंचाया है।

कुम्भ स्नान पर की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ विजय सोनकर शास्त्री ने कहा कि शशि थरूर, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी और कांग्रेस के तमाम नेता जिन्हे भारतीय संस्कृति का ज्ञान नहीं है वे ही हमारी संस्कृति पर इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी कर सकते हैं।

शशि थरूर के इस ट्वीट पर कई लोगों ने ट्वीट के माध्यम से नाराजगी जताई हैं। आइये देखते कुछ चुनिंदा ट्वीट