शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों में बीजेपी नेतृत्व को लेकर बहुत असंतोष फैल रहा है और सिर्फ पुलवामा जैसी घटना ही लोगों के मूड में परिवर्तन कर सकती है। पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद ही पवार ने प्रेस वार्ता के दौरान यह बात कही।
उन्होंने यह भी कहा कि, ‘‘लोकसभा चुनाव 2019 के पहले लोगों में नरेंद्र मोदी सरकार के प्रति गुस्सा था। मगर पुलवामा हमले ने पूरी स्थिति को बदलकर रख दिया। आगामी विधानसभा चुनाव के पहले मैं प्रदेश सरकार के खिलाफ बीते कुछ महीनों से लोगों में गुस्सा देख रहा हूँ।’’
पवार ने कहा कि, ‘‘कुछ नेताओं का कहना है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए भाजपा या शिवसेना में शामिल हो रहे हैं। लेकिन 52 साल के अपने राजनीतिक करियर में मैं लंबे समय तक सत्ता में नहीं रहा। फिर भी बारामती (पवार का पूर्व निर्वाचन क्षेत्र) के विकास में बाधा नहीं आई।’’
पवार के अनुसार, ‘‘हम धर्मनिरपेक्ष ताकतों को (चुनाव के लिए) साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस और राकांपा एक साथ आए हैं। हम बहुजन विकास अगाड़ी, समाजवादी पार्टी और अन्य छोटे दलों को अपने साथ लेने की कोशिश कर रहे हैं। राकांपा, राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ हाथ मिलाने को तैयार थी, लेकिन कांग्रेस इसके लिए राजी नहीं हुई।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, ‘‘मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान लोगों ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का अस्तित्व जाना। मैंने कई प्रधान मंत्रियों के साथ काम किया है, लेकिन इस तरह का दुरुपयोग (एजेंसियों का) पहले नहीं देखा गया।’’