कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है कभी वह अपने विवादित बयानों के चलते फंस जाते है तो कभी कुछ ऐसा कर देते है जो उन्हें नहीं करना चाहिए। राफेल डील को लेकर भी वह बहुत कुछ कह चुके है। बता दें की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के नए दस्तावेजों के अनुसार राफेल डील पर पुनर्विचार याचिका को स्वीकार करने की मांग करते हुए इसे 'चौकीदार चोर है' के रूप में प्रस्तुत किया था। जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने 22 अप्रैल तक राहुल गांधी को नोटिस जारी करते हुए इसका उत्तर देने का नोटिस दिया है।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की नेतृत्व वाली बेंच ने बोला कि कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध कोई टिप्पणी नहीं की है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी पर दिए बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप लगाया है। बता दें कि राहुल गांधी के विरुद्ध बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने आपराधिक अवमानना याचिका दायर करवाई थी। जिस पर  चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने बताया था कि 15 अप्रैल को वह इस याचिका पर सुनवाई करेगी। याचिका में मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अपनी निजी टिप्पणियों को राहुल गांधी ने शीर्ष न्यायालय द्वारा कहा गया बताया जिसके कारण लोगों के मन में गलत धारणा उत्पन्न हुई । लेखी की तरफ से  प्रस्तुत हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से बोला कि कांग्रेस अध्यक्ष ने यह टिप्पणी की थी कि 'अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया, चौकीदार चोर है।'

अब कोर्ट ने कहा है कि, 'यह हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि इस अदालत का नाम ले कर राहुल गांधी ने राफेल सौदे के विषय में मीडिया और जनता में जो कुछ भी कहा है उसे गलत तरह से पेश किया गया है और कह की यह हम स्पष्ट करते हैं कि राफेल मामले में उनकी वैधता पर दस्तावेज़ों को स्वीकार करने हेतु सुनवाई करते समय इस तरह की टिप्पणियां करने का अवसर कभी नहीं आया।'