भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है यहाँ सभी धर्म के लोगो को अपने धर्म को मानने का अधिकार हैं। इस देश में सभी धर्म के लोग अपने धर्मानुसार उत्सव को मानाने के लिए आज़ाद हैं। यह सब अधिकार हमें हमारा संविधान देता है। जब हमे हमारे धर्म के अनुसार उत्सव मानाने की इजाज़त हमारा संविधान देता है, तो किसी विश्वविद्यालय के कैम्पस में बसंत पंचमी पर माँ सरस्वती की पूजा करने के लिए विश्विद्यालय इजाज़त क्यों नहीं दे सकता है! ऐसी ही एक घटना केरल के कोच्चि यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलजी में हुई है। आइये विस्तार से जानते है पूरी घटना के बारे में।

भारत के दक्षिण में केरल के कुट्टनाड में स्थित कोच्चि यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में पढ़ने वाले उत्तर भारत के छात्रों ने बसंत पंचमी के अवसर पर सरस्वती पूजा करने के लिए कॉलेज अथॉरिटी से पत्र द्वारा अनुमति मांगी थी।

पत्र जब कॉलेज के VC के पास पंहुचा तो VC ने यह कहकर अमुमति नहीं दी कि हमारा कॉलेज धर्मनिरपेक्ष है और हम किसी धर्म-विशेष के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दे सकते हैं।

बहरहाल जब हमारा देश धर्मनिरपेक्ष हैं और यहाँ सभी धर्मों को अपने उत्सव को मनाने की आज़ादी है तो फिर कॉलेज में सरस्वती पूजा करने की अनुमति क्यों नहीं मिली।