लोकसभा चुनाव 2019 के लिए हर पार्टी अपना प्रचार करने में लगी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की। 18 मार्च से 20 मार्च तक वो प्रयागराज से वाराणसी के बीच गंगा नदी में जलमार्ग से यात्रा करेंगी और इस दौरान उनके जनसंपर्क और कई अन्य कार्यक्रम रखे गए हैं। इसी दौरान वे काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा भी करेंगी। वही वाराणसी के कुछ संत प्रियंका के मंदिर जाने के विरोध में हैं।

संतों ने इसका विरोध करते हुए प्रशासन को चिठ्ठी लिखकर भिजवाई है। संतों के जिलाधिकारी के माध्यम से जिला मेजिस्ट्रेट को एक चिठ्ठी भेजी गई है जिसमे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के मंदिर में प्रवेश करने से रोकने का अनुरोध किया गया है। संतो का कहना है की रोबर्ट वाड्रा से शादी होने के बाद प्रियंका ईसाई हो चुकी है। ऐसे में उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाए।

इसके अलावा गंगा महासभा के राष्‍ट्रीय महामंत्री स्‍वामी जीतेन्‍द्रानंद ने भी प्रियंका का विरोध करते हुए कहा की अगर उनकी आस्‍था हिंदू धर्म में है तो उन्‍हें खुद के हिंदू होने की शपथ हलफनामे के रूप में लिखकर देनी चाहिए। तभी उन्हें विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी।

इस पर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा की जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विदेशी दोस्‍तों को लेकर मंदिर में जाते हैं, तब कोई धर्म क्‍यों नही पूछता है? उनका कहना है की भारत में रहने वाला हर व्यक्ति हिन्दू और हिन्दुस्तानी है तो मंदिर में जाने से मना क्यों ?